अमेठी जिले में अपने 88 वर्षीय नाना के लिए ऑक्सीजन की जरूरत वाला ट्वीट करने वाले युवक के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। युवक शशांक यादव ने 26 अप्रैल की रात अपने टि्वटर हैंडल से बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद को टैग करते हुए ट्वीट में कहा,”ऑक्सीजन सिलेंडर की जल्द से जल्द जरूरत है।
शशांक का ट्वीट देखने के बाद क्षेत्रीय भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने 27 अप्रैल को किए गए ट्वीट में कहा,”मैंने शशांक को तीन बार कॉल किया मगर फोन नहीं उठा। मैंने जिलाधिकारी और अमेठी पुलिस को जरूरतमंद व्यक्ति की मदद के लिए कह दिया है।
अमेठी के पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह ने बुधवार को इस बारे में पूछे जाने पर कहा, ”शशांक ने रिश्ते में अपने नाना लगने वाले बुजुर्ग के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराने को कहा था, हालांकि उसने ट्वीट में यह नहीं लिखा था कि उसके नाना कोविड-19 संक्रमित हैं या नहीं।
सिंह ने कहा,”जब शशांक के मोबाइल नंबर पर फोन किया गया तो उसने फोन नहीं उठाया। हमने सोचा कि हो सकता है कि वह किसी मुश्किल में हो इसलिए फोन नहीं उठा रहा है। इसके बाद हमने सर्विलांस का इस्तेमाल किया और शशांक की मौजूदगी का पता लगाते हुए उसके घर पहुंचे। जहां वह सो रहा था।
पुलिस अधीक्षक ने दावा किया कि शशांक का घर अपने नाना के घर से 20 किलोमीटर दूर है और वह वहां बमुश्किल पांच मिनट के लिए ही गया था। उसके बाद उसने वह ट्वीट कर दिया। जाहिर होता है कि शशांक का मकसद वह ट्वीट कर सनसनी और डर फैलाने का था।
उन्होंने कहा कि शशांक के खिलाफ महामारी अधिनियम की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है और अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 41 के तहत उसे नोटिस तामील कराने के बाद चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है। इस बीच, जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आशुतोष दुबे ने कहा कि शशांक के नाना का कोविड-19 परीक्षण नहीं कराया गया था और वह एक निजी चिकित्सालय में इलाज करा रहे थे। उन्हें पास के ही रामगंज या भादर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी नहीं ले जाया गया था। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि शशांक के नाना की ऑक्सीजन की कमी के कारण मृत्यु होने का दावा भी सही नहीं है।
अमेठी पुलिस ने अपने एक ट्वीट में कहा , ”ना तो मरीज कोविड-19 संक्रमित था और ना ही उसे ऑक्सीजन की जरूरत थी। उसकी मृत्यु 26 अप्रैल को दिल का दौरा पड़ने से हुई। शशांक ने जिस तरह का ट्वीट किया वह न सिर्फ निंदनीय है बल्कि दंडनीय भी है।