कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार कम न होने के चलते जर्मनी जून तक लॉकडाउन जारी रह सकता है। वित्त मंत्री ओलाफ स्कॉल्ज ने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं है कि देश में मई के अंत तक प्रतिबंधों में कोई ढील दी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि हमें एक टाइमटेबल तैयार करने की जरूरत है कि कैसे जिंदगी नॉर्मल होगी। लेकिन ऐसे किसी प्लान पर अगले कुछ दिनों में ही अमल नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि सरकार को स्पष्ट और साहसिक कदम उठाने होंगे। मई के अंत तक ही ऐसा फैसला लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नागरिकों के लिए हॉलिडे प्लान करने, रेस्तरां खोलने से लेकर अन्य तमाम छूट देने में अभी समय लगेगा।
उन्होंने कहा कि आगे जो प्लान तय किया जाएगा, उसमें यह स्पष्ट किया जाएगा कि नागरिक कब कंसर्ट्स, थिएटर्स और सॉकर स्टेडियम्स में जा सकेंगे। जर्मन चांसलर अंगेला मर्केल ने शनिवार को नागरिकों से अपील की थी कि अभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जारी रखें। अंगेला मर्केल का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर को तोड़ने के लिए पाबंदियों का फिलहाल बने रहना जरूरी है। भारत की तरह ही जर्मनी भी कोरोना के बढ़ते केसों से जूझ रहा है। फिलहाल जर्मनी में B117 वैरिएंट के काफी मामले मिल रहे हैं, जो सबसे पहले ब्रिटेन में मिला था।
माना जा रहा है कि जर्मनी में वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी होने के चलते भी कोरोना संक्रमण के मामलों ने जोर पकड़ा है। जर्मनी में वीकेंड के दौरान प्रति एक लाख लोगों पर संक्रमितों का आंकड़ा 166 पहुंच गया। इस बीच जर्मनी की संसद से इंफेक्शन प्रोटेक्शन एक्ट में संशोधन को मंजूरी दे दी है, जिससे महामारी के दौर में सरकार को और अधिक ताकत मिली है। देश के 16 प्रांतों की ओर से कड़े नियमों को लागू करने से इनकार के बाद यह संशोधन किया गया है। नए कानून के तहत सरकार के पास 10 बजे रात से सुबह 5 बजे तक लगातार तीन दिनों तक पाबंदियां लागू कर सकती है। ये पाबंदियां ऐसे इलाकों में लगाई जा सकती हैं, जहां आबादी 100 से 1 लाख के बीच हो।