पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के आठवें चरण में 29 अप्रैल को 35 सीटों पर अपनी किस्मत आजमा रहे 283 प्रत्याशियों में से 23 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज होने की जानकारी दी है। इस जानकारी को एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने प्रत्याशियों द्वारा नामांकन के साथ दाखिल हलफनामे के विश्लेषण के आधार पर संकलित किया है।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘कुल 283 प्रत्याशियों द्वारा दाखिल हलफनामे का विश्लेषण किया गया, जिनमें से 64 ने (23 प्रतिशत) उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज होने की जानकारी दी है जबकि 50 प्रत्याशियों (18 प्रतिशत) के खिलाफ गंभीर अपराध के मामले दर्ज हैं। प्रमुख पार्टियों में माकपा के 10 में से सात (70 प्रतिशत), तृणमूल कांग्रेस के 35 में से 11 प्रत्याशियों (31 प्रतिशत), भाजपा के 35 में से 21 प्रत्याशियों (60 प्रतिशत) और कांग्रेस के 19 में से 10 प्रत्याशियों (53 प्रतशित) ने अपने खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज होने की घोषणा की है।
वहीं माकपा के 10 में से दो प्रत्याशियों (20 प्रतिशत), तृणमूल कांग्रेस के 35 में से आठ प्रत्याशियों (23 प्रतिशत), भाजपा के 35 में से 18 प्रत्याशियों (51 प्रतिशत) और कांग्रेस के 19 में नौ प्रत्याशियों (47 प्रतिशत) ने गंभीर आपाराधिक मुकदमे दर्ज होने की जानकारी निर्वाचन आयोग के समक्ष जमा हलफनामे में दी है। आठवें चरण में किस्मत आजमा रहे 12 उम्मीदवारों ने बताया है कि उन पर महिला के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं जबकि छह प्रत्याशी हत्या के मामले में नामजद हैं। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 17 प्रत्याशियों के खिलाफ हत्या का प्रयास करने का मुकदमा दर्ज है। चुनाव अधिकार निकाय ने बताया कि 35 में से 11 निर्वाचन क्षेत्र ‘रेड अलर्ट क्षेत्र’ हैं। रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र का अभिप्राय है कि वहां के तीन या इससे अधिक प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि 283 प्रत्याशियों में से 55 (19 प्रतिशत) करोड़पति हैं। प्रमुख पार्टियों में तृणमूल कांग्रेस के 35 में से 28 प्रत्याशी (80 प्रतिशत) करोड़पति हैं, कांग्रेस के 19 में से पांच प्रत्याशी (26 प्रतिशत) ने खुद को करोड़पति घोषित किया है। वहीं भाजपा के 35 प्रत्याशियों में 12 (34 प्रतिशत) करोड़पति है जबकि माकपा के 10 में से एक प्रत्याशी करोड़पति है।