दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की इमरजेंसी में भी शनिवार को ऑक्सीजन की कमी के चलते नए मरीजों को भर्ती करने पर रोक लगा दी गई है। ऐसा ही नजारा कई और सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में भी देखने को मिल रहा है।
वहीं, दिल्ली के सरोज सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने के कगार पर है। अस्पताल के कोविड प्रभारी ने शनिवार को बताया कि हम ऑक्सीजन की कमी के कारण नए मरीजों को भर्ती करना बंद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन के बिना हम मरीजों का कैसे इलाज करें। वहीं, प्रीत विहार स्थित मैट्रो अस्पताल में भी मरीजों को छुट्टी देने के लिए कहा जा रहा है। यहां भी ऑक्सीजन खत्म होने के कगार पर पहुंच गई है।
दिल्ली सरकार के लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने शनिवार को बताया कि हमारे अस्पताल में सभी आईसीयू बेड पिछले 4-5 दिनों से भरे हुए हैं। कुछ गंभीर रोगियों को ऑक्सीजन स्तर को बनाए रखने के लिए प्रति मिनट 40-50 लीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। ऑक्सीजन सप्लाई चेन भी प्रभावित हो रही हैं।
वहीं, ऑक्सीजन संकट को लेकर दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के प्रमुख डॉ. डी.एस. राणा ने आज कहा कि सरकार भरसक प्रयास कर रही है, लेकिन शायद वह खुद भी लाचार है। मदद के लिए केंद्र से और राज्य से अपील है। कोविड बेड बढ़ा दिए गए, लेकिन ऑक्सीजन पर्याप्त नहीं है। हम कैसे काम करें?
इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने शनिवार को कहा कि अगर केंद्र, राज्य या स्थानीय प्रशासन में कोई अधिकारी ऑक्सीजन सप्लाई में अड़चन डाल रहा है, तो हम उसे बख्शेंगे नहीं, उसे फांसी पर लटका देंगे। जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच की ओर से उक्त टिप्पणी महाराजा अग्रसेन अस्पताल की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान आई है। कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों की सांसों पर आए संकट को देखते हुए महाराजा अग्रसेन अस्पताल ने जल्द से जल्द ऑक्सीजन दिलाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह बताए कि कौन ऑक्सीजन की आपूर्ति को बाधित कर रहा है और कहा कि हम उस व्यक्ति को लटका देंगे। बेंच ने कहा कि हम किसी को भी नहीं बख्शेंगे। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह स्थानीय प्रशासन के ऐसे अधिकारियों के बारे में केंद्र को भी बताए ताकि वह उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके।
इस दौरान गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने हाईकोर्ट को सूचित किया कि देशभर में अधिक संख्या में मामलों के कारण ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले टैंकरों की कमी हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकारें बहुत मेहनत कर रही हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली और केंद्र को मिलकर काम करना है। हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को क्रायोजेनिक टैंकरों की खरीद के लिए सभी संभव प्रयास करने चाहिए। हमें उम्मीद है कि दोनों सरकारों के अधिकारी इस संबंध में समन्वय करेंगे।
इसके साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट आवश्यकता पड़ने पर अस्पतालों को सुरक्षा प्रदान करने की सिफारिश करते हुए कहा कि हम जानते हैं कि जब लोग अपने प्रियजनों को खो देते हैं तो लोग कैसे व्यवहार करते हैं, हालांकि, कोई कानून-व्यवस्था की स्थिति नहीं है।