केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने ऐलान किया मेडिकल ऑक्सीजन ले जाने वाले वाहनों को रास्ता देने के लिए सिंघु बॉर्डर पर राजमार्ग के एक हिस्से को खोला जाएगा। हरियाणा सरकार के अधिकारियों के साथ शाम को हुई मुलाकात के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने गुरुवार को यह निर्णय लिया।
मोर्चा के नेता दर्शनपाल ने एक बयान में कहा कि बैठक में ऑक्सीजन वाले वाहनों, एम्बुलेंस और ऐसे अन्य आपातकालीन वाहनों को रास्ता देने के लिए सिंघु बॉर्डर पर राजमार्ग के एक तरफ की सड़क पर लगे बैरिकेड को हटाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान कोविड-19 महामारी से निपटने में हरसंभव सहायता करेंगे।
बयान के मुताबिक, बैठक में सोनीपत के पुलिस अधीक्षक, मुख्यमंत्री ऑफिस के अधिकारी और संयुक्त किसान मोर्चा के नेता मौजूद रहे। दर्शनपाल ने प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा दिल्ली को होने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित किए जाने के आरोपों को निराधार करार दिया।
26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं किसान
गौरतलब है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ बीते साल 26 नवंबर से हजारों की तादाद में किसान दिल्ली और हरियाणा की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। कृषि कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है।
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं। केन्द्र सरकार सितंबर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।