कोरोना मरीजों के बचाव के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत इस कदर हो गई है कि अब इसकी लूटपाट होने लगी है। आरा सदर अस्पताल में बुधवार को ऑक्सीजन सिलेंडर लूट लिये गये। इस मामले को ले हॉस्पिटल मैनेजर ने ड्यूटी पर तैनात गार्ड से शोकॉज किया है। कहा है कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई की जायेगी।
बताया जाता है कि बुधवार की शाम लगभग चार बजे सदर अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिंडर से भरी गाड़ी अनलोड करने के लिए पहुंची। सूचना मिलने पर मरीज के परिजनों का धैर्य जवाब दे दिया। वे गाड़ी से ऑक्सिजन सिलेंडर लेकर भागने लगे। समझाने के बाद भी लोग मानने को तैयार नहीं थे। इस दौरान अफरा-तफरी का माहौल हो गया।
परिजन अपने मरीजों के लिए ऑक्सीजन सुरक्षित करना चाहते हैं। बताया जाता है कि ओपीडी में पाइप लाइन से ऑक्सिजन की सप्लाई की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन पाइप लीक होने के कारण सही तरीके से ऑक्सीजन नहीं पहुंच रहा है। वहीं कुछ बाइक सवार भी सदर अस्पताल पहुंच गए और चार ऑक्सिजन सिलेंडर लूट लिये।
इसमें एक सरकारी कर्मी भी है, जिसकी मां कोरोना पॉजिटिव है। हालांकि हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि लूटे गये सिलिंडर वापस आ गये हैं। गार्ड से स्पस्टीकरण की मांग की गई है। वहीं मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि चार सिलेंडर लूट लिये गये, जो वापस नहीं आ सके हैं।
रेमेडिसिविर, ऑक्सीजन के नाम पर ठग रहे जालसाज
कोरोना काल में भी ठग बाज नहीं आ रहे हैं। आम लोगों और पीड़ितों से लगातार ठगी की जा रही है। रेमेडिसिविर दवा, ऑक्सीजन और कौन बनेगा करोड़पति में लॉटरी निकलने के नाम पर जालसाज ठगी कर रहे हैं। बाकायदा वाट्सएप पर इसके लिए मैसेज भेजा जा रहा है।
जालसाज सोशल साइट पर किसी जरूरतमंद का नंबर देखते हैं तो तत्काल उस पर कॉल कर वे रेमेडिसिविर या ऑक्सीजन की व्यवस्था करने का दावा करते हैं। जरूरतमंद झांसे में आकर ठगों की बात पर यकीन कर लेते हैं और उनके कहे अनुसार रुपए भी ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। लेकिन बाद में पता चलता है कि जिस नंबर से दवा देने का कॉल आया था, वह फर्जी है।
इंटरनेट नंबर का इस्तेमाल करते हैं ठग
लॉटरी के नाम पर ठगी करने के लिए जालसाज इंटरनेट के नंबर का इस्तेमाल करते हैं। वाट्सएप पर मैसेज किया जाता है। जालसाज एक ऑडियो भी जारी करते हैं, जिसमें लोगों को पैसे जमा करने की प्रक्रिया समझाई जाती है।