दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि राजधानी में तेजी से बढ़ते कोरोना मामलों के साथ ही दिल्ली पिछले कुछ दिनों से ऑक्सीजन संकट का सामना कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सभी राज्यों के लिए ऑक्सीजन कोटा तय करता है। दिल्ली सरकार के अनुमान के अनुसार, उसे 700 टन प्रतिदिन ऑक्सीजन की आवश्यकता है। केंद्र ने पहले इसे 378 टन प्रतिदिन तय किया था और अब इसे बढ़ाकर 480 टन प्रतिदिन तक कर बढ़ा दिया है। हमें और अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता है, लेकिन इसके लिए हम उनके आभारी हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे ऑक्सीजन के बढ़े हुए कोटे में ओडिशा से भी ऑक्सीजन आना तय है, इसलिए ऑक्सीजन को दिल्ली पहुंचने में कुछ समय लगेगा। हम यह देखने का प्रयास कर रहे हैं कि क्या हम हवाई मार्ग से ऑक्सीजन ला सकते हैं।
केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ऑक्सीजन का कोटा और कौन सी कंपनी ये कोटा देगी ये तय करती है। दिल्ली में ऑक्सीजन नहीं बनती है, सारी ऑक्सीजन बाहर के राज्यों से आती है। ऑक्सीजन की कंपनियां जिन राज्यों में हैं, उनमें से कुछ राज्य सरकारों ने उन कंपनियों से दिल्ली के कोटे की ऑक्सीजन भेजनी रोक दी है।कुछ राज्य सरकारों ने कहा कि वे अपने राज्यों में पहले ऑक्सीजन का उपयोग करेंगे, दिल्ली के कोटा का भी उपयोग करेंगे और वे ऑक्सीजन के ट्रकों को दिल्ली नहीं जाने देंगे, लेकिन मैं केंद्र सरकार और दिल्ली हाईकोर्ट का शुक्रिया करना चाहता हूं, पिछले दो-तीन दिन में उन्होंने हमारी बहुत मदद की है, जिसकी वजह से अब ऑक्सीजन दिल्ली पहुंचने लगी है।
दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी ना हो, इसके लिए हम पूरी मेहनत कर रहे हैं। मुझे यकीन है कि अगर हम सब एक साथ ‘भारतीय’ बनकर लड़ेंगे, तो हम कोरोना को हरा देंगे। कोरोना बहुत बड़ी आपदा है। अगर इस आपदा में सभी राज्य बंट गए तो भारत नहीं बचेगा। इस वक्त हमें एक दूसरे की मदद करनी है, भारतीय बनना है।
केजरीवाल ने कहा कि कोरोना बीमारी बॉर्डर देखकर नहीं फैलती। मैं सभी राज्य सरकारों से कहना चाहता हूं कि दिल्ली का मुख्यमंत्री होने के नाते मुझसे जो भी मदद की जा सकेगी, मैं करने को तैयार हूं। अभी तो समय ये है कि यूपी वाला दिल्ली की मदद करे, दिल्ली वाला हरियाणा की मदद करे, हरियाणा वाला बिहार की मदद करे, बिहार वाला गुजरात की मदद करे। मेरी सभी नागरिकों से अपील है कि आइये कोरोना महामारी से एक साथ, एक मुट्ठी बनकर लड़ें।
हमें पूरी दुनिया को दिखा देना है कि विश्व में सबसे ज्यादा कोरोना केस होने के बावजूद कैसे भारत के लोगों ने एक साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीती।