केंद्र सरकार ने सोमवार को एक मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए टीकाकरण की घोषणा की है। सत्ता पक्ष इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर रहा है, वहीं विपक्ष ने इसकी तुलना नोटबंदी से कर दी है। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार की टीका संबंधी रणनीति नोटबंदी से कम नहीं है क्योंकि इसमें भी लोग कतारों में लगेंगे और धन, स्वास्थ्य एवं जान का नुकसान सहेंगे।
उन्होंने ट्वीट किया, ”केंद्र सरकार की टीका संबंधी रणनीति नोटबंदी से कम नहीं- आम जन कतारों में लगेंगे धन, स्वास्थ्य व जान का नुक़सान सहेंगे और अंत में सिर्फ़ कुछ उद्योगपतियों का फ़ायदा होगा।’आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोग कोविड-19 की रोकथाम के लिए टीका लगवा सकेंगे। सरकार ने टीकाकरण अभियान में ढील देते हुए राज्यों, निजी अस्पतालों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सीधे टीका निर्माताओं से खुराक खरीदने की अनुमति भी दे दी है।
सीरम इंस्टीट्यूट ने तय कर दिए दाम
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने राज्यों और प्राइवेट अस्पतालों के लिए वैक्सीन के एक डोज की कीमत तय कर दी है, जिसके मुताबिक, कोविशील्ड की एक खुराक प्राइवेट अस्पताल में जहां 600 रुपए में मिलेगी, वहीं सरकारी अस्पताल में इसकी कीमत 400 रुपए होगी। यानी सरकारी अस्पताल में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोग 400 रुपए देकर तो प्राइवेट अस्पताल में 600 रुपए देकर वैक्सीन लगवा सकते हैं।