भारत में दूसरी लहर अमेरिका से ज्यादा मारक साबित हो रही है। देश में बुधवार को चौबीस घंटे के भीतर 2.94 लाख मरीज मिले। हर दिन देश में 20 से 30 हजार नए मरीज जुड़ रहे हैं, ऐसे में संभावना है कि अगले एक-दो दिन में ही भारत में हर दिन तीन लाख से ज्यादा मरीज मिलने लगेंगे। दूसरी लहर के दौरान अमेरिका में ऐसी स्थिति सिर्फ एक बार आयी जब एक दिन के भीतर 3 लाख मरीज मिले।
वर्डोमीटर्स के आंकड़ों के अनुसार, चौंकाने वाली बात ये है कि अमेरिका में प्रतिदिन 2 लाख नए केस से तीन लाख तक पहुंचने में जहां 38 दिन लगे थे वहीं भारत में प्रतिदिन नए मरीजों का आंकड़ा महज एक सप्ताह में दो लाख से बढ़कर तीन लाख के नजदीक पहुंच गया।
इस तरह बढ़ता गया नए मरीजों का आंकड़ा
1 लाख का स्तर: अमेरिका में 30 दिन, भारत में 14 दिन लगे
अमेरिका: दूसरी लहर की शुरूआत अक्तूबर से हुई। यहां सात अक्तूबर को पहली बार चौबीस घंटों के भीतर 50 हजार से ज्यादा मरीज आए। इसके बाद मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को एक लाख का आंकड़ा पार करने में लगभग एक महीना लगा। फिर 4 नवंबर को अमेरिका में पहली बार 109036 नए मरीज मिले थे।
भारत: यहां रोजाना संक्रमित मिलने वाले मरीजों की संख्या 50 हजार से एक लाख तक पहुंचने में केवल 14 दिन लगे। 24 मार्च को एक दिन के भीतर 50 हजार केस आए थे और फिर 6 अप्रैल को देश में पहली बार यह आंकड़ा एक लाख के पार हो गया।
2 लाख का स्तर :अमेरिका को 27 दिन, भारत को 10 दिन लगे
अमेरिका : रोजाना संक्रमण एक लाख से बढ़कर दो लाख होने में 27 दिन लगे। यहां चार नवंबर को एक लाख केस आए थे और पहली बार दो लाख केस दो दिसंबर को दर्ज किए गए।
भारत : हर दिन मिलने वाले मरीजों का आंकड़ा दो लाख तक पहुंचने में 10 दिन लगे। छह अप्रैल को एक लाख से अधिक केस पहली बार आए थे और 15 अप्रैल को देश में पहली बार 2.16 केस आए।
3 लाख का स्तर : अमेरिका को 38 दिन, भारत में बस एक हफ्ता
अमेरिका : दो दिसंबर से दो लाख से ज्यादा केस आने लगे और पहली बार आठ जनवरी को 3,07581 केस दर्ज हुए। अमेरिका में सिर्फ एक ही दिन तीन लाख से ज्यादा केस आए। आठ जनवरी के बाद यहां संक्रमण में हर दिन कमी आती रही।
भारत: 15 अप्रैल को दो लाख से ज्यादा केस आए थे और 20 अप्रैल के रात 12 बजे तक यहां 2,94,290 मरीज आए। इस तरह आने वाले एक दो दिन में ही भारत में यह आंकड़ा तीन लाख के पार हो सकता है।
16 फीसदी तेजी से बढ़ा संक्रमण
भारत में दूसरी लहर की शुरूआत 15 फरवरी से मानी जाती है। आवर वर्ल्ड इन डाटा के हिसाब से भारत में 15 फरवरी को 1.6 प्रतिशत पॉजिटिविटी दर थी। यानी जितनी जांचें हो रही थीं, उनमें डेढ़ फीसद लोग ही संक्रमित पाए जा रहे थे। 18 अप्रैल को यह दर बढ़कर 16.2 प्रतिशत हो गई, यानी अब बहुत अधिक लोगों में संक्रमण का पता लग रहा है