शराब निर्माता कंपनियों ने दिल्ली सरकार से घरों पर शराब की डिलीवरी करने की अनुमति मांगी है। उनका कहना है कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए सोमवार की शाम से छह दिन के लॉकडाउन की घोषणा के बाद शराब की दुकानों पर पीने वालों की लंबी कतारें लग गई थीं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा सोमवार रात 10 बजे से अगले सोमवार सुबह पांच बजे तक छह दिन के लॉकडाउन की घोषणा के तुरंत बाद शराब की दुकानों पर लंबी कतारें देखी गईं। शराब के शौकीन तपती धूप में घंटों तक अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। इस दौरान ग्राहकों के बीच कुछ जगह तीखी बहस भी देखने को मिली। कई लोगों ने गर्मी बढ़ने के साथ-साथ धैर्य खो दिया, तो कुछ स्थानों पर लोगों ने कतारें तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की, जिसके चलते छिटपुट कहासुनी हो गई।
शराब बनाने वाली घरेलू कंपनियों के संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) ने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि मुंबई में कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए कड़ी पाबंदियां लगाई गई हैं, लेकिन राज्य सरकार ने शराब की डिलीवरी घर तक करने की अनुमति दी है।
सीआईएबीसी के अनुसार, करीब एक सप्ताह के लॉकडाउन की घोषणा के बाद दिल्ली में शराब की दुकानों पर काफी भीड़ देखी गई। संगठन के महानिदेशक विनोद गिरी ने कहा कि हमने सोमवार को जो देखा, वह लोगों के बीच घबराहट का नतीजा था। यह लोगों के जेहन में पिछले साल के लॉकडाउन की याद का परिणाम है। देशभर में लाखों लोग शराब पीते हैं और वे नहीं चाहते कि उन्हें उससे वंचित होना पड़े।
सीआईएबीसी ने उम्मीद जताई कि लोग और शराब दुकानदार कोविड की रोकथाम से जुड़े व्यवहार यानी मास्क लगाना और उचित दूरी समेत अन्य जरूरी उपायों का पालन करेंगे।