कोरोना से हालात अब इतने बिगड़ चुके हैं कि मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पर जगह नहीं मिल रही। ऐसे में अनेक कोरोना पीड़ितों के शवों का संस्कार पार्किंग के लिए खाली पड़ी जमीन पर कराया जा रहा है। ये हालात देखने को मिल रहे हैं दिल्ली के सीमापुरी श्मशान घाट पर। पार्किंग की जमीन पर अब तक 15 से अधिक शवों का संस्कार किया जा चुका है।
कोरोना की इस लहर का जिस तरह से लोगों के जीवन पर कहर पड़ रहा है उससे श्मशान घाट के फर्श और प्लेट भी लगातार तपिश के कारण खराब होते जा रहे हैं। 24 घंटे शवों का संस्कार होना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। श्मशान घाटों पर कोविड के लिए बनाए गए प्लेटफॉर्म भी कम नजर आ रहे हैं। पूर्वी दिल्ली के पांच कोविड श्मशान और कब्रिस्तान में सबसे ज्यादा विकट हालात सीमापुरी श्मशान घाट पर देखने को मिल रहे है। कोविड के 12 प्लेटफॉर्म भी यहां कम नजर आ रहे हैं। यही वजह है कि श्मशान भूमि से सटी दिल्ली नगर निगम की पार्किग स्थल की जमीन पर लोगों का दाह संस्कार किया जा रहा है।
इस संबंध में ज्योत सिंह का कहना है कि पार्किंग की जमीन से पहले यहां बच्चों के संस्कार किए जाते थे। करीब पांच साल पहले यहां बच्चों के संस्कार करने बंद कर दिए गए थे। इस जमीन पर निगम को पार्किंग बनानी थी, लेकिन बेकाबू हालात को देखते हुए यह कदम उठाना पड़ रहा है। शनिवार को 36 शव जीटीबी अस्पताल से, एक नरेंद्र मोहन अस्पताल मोहन नगर, एक गुप्ता नर्सिग होम से, एक लोनी रोड सहित कुल 43 शवों का यहां संस्कार किया गया है।