पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के पांचवें चरण की 45 सीटों पर आज यानी शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच वोट डाले जा रहे हैं। सुबह सात बजे से ही वोटिंग जारी है और शाम 6 बजे तक यह चलेगी। इस दौरान मतदाता 319 उम्मीदवारों के भाग्य को चुनावी पेटी में बंद करेंगे। इस चरण में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का प्रदर्शन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है जिससे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आगामी दो मई को लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में वापसी करेंगी या नहीं यह तय होगा। राज्य में पांचवें चरण में जिन छह जिलों में मतदान होना है उनमें उत्तरी परगना पार्ट-एक, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, पूर्वी वर्द्धमान पार्ट-एक और जलपाईगुड़ी है।
चुनाव आयोग (ईसी) ने इस चरण के लिए अभियान की मूक अवधि को 24 घंटे बढ़ाने का फैसला किया था और इसलिए यह अभियान एक दिन पहले बुधवार को समाप्त हुआ। यह निर्णय पिछले शनिवार को चौथे चरण के मतदान के दौरान कूचबिहार जिले में शीतलकुची विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र भीड़ के हंगामे और गोलीबारी की घटना को देखते हुए लिया गया। जिसमें दो अलग-अलग घटनाओं में पांच लोगों की जान चली गई थी। चुनाव आयोग ने राज्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुरक्षा का बंदोबस्त किया है और केंद्रीय और राज्य बलों को इसके लिए तैनात किया गया है।
जिसमें केन्द्रीय बलों की 853 कम्पनियां तैनात की गई है। इस चरण में पिछले चरण के मुकाबले अधिक सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। इससे पहले चौथे चरण में 44 सीटों के लिए मतदान के लिए 789 कंपनियों को तैनात किया गया था। चुनाव अयोग के सूत्रों ने बताया कि 853 कंपनियों में से केवल 283 कंपनियां 24 परगना जिला के लिए की गई है। यह सुरक्षा व्यवस्था इस उद्देश्य के लिए है कि कूच बिहार जैसी घटना फिर से न हो, जहां कई लोगों ने हिंसा के दौरान अपनी जान गंवा दी।
सबसे अहम चरण
शनिवार को राज्य में पांचवें चरण का चुनाव है और यह चरण ममता बनर्जी के लिए बहुत अहम माना जा रहा है। इस चरण में सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव हो रहा है। दूसरा बड़ा कारण यह है कि जिन 45 सीटों पर पांचवें चरण में मतदान होना वहां 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को टीएमसी की तुलना में ज्यादा वोट मिले थे।
इन 45 सीटों में से टीएमसी ने जीती थी 23 सीटें
2016 में हुए विधानसभा चुनाव में इन 45 सीटों पर भाजपा को 45 फीसदी मतदान हासिल हुआ था तो वहीं टीएमसी को 41.5 फीसदी वोट मिला था। हालांकि टीएमसी को यहां 23 सीटों पर जीत मिली थी और भाजपा को 22 सीटें मिली थीं।
प्रमुख चुनावी मुद्दे
– सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और उसे कड़ी टक्कर दे रही भाजपा दोनों ने ही विकास को मुद्दा बनाया है
– विपक्ष ने ममता सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया
– ममता बनर्जी भाजपा के खिलाफ देश में महंगाई, गैस के बढ़े दाम और पेट्रोल डीजल के बढ़े दामों को मुद्दा बनाया