बिहार में कोरोना की दूसरी लहर के बीच पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को, खासतौर से स्वास्थ्य विभाग को आईना दिखाया है। अदालत ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से कहा कि सबकुछ अच्छा है, हमें यह तस्वीर मत दिखाइये। यदि ऐसा होता तो अदालत को दखल देने की जरूरत नहीं होती।
कोरोना के हालात पर जताई चिंता
पटना हाईकोर्ट ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर चिंता जताई है। हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को कोरोना से निपटने के लिए की गई तैयारियों की पूरी जानकारी देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने जांच रिपोर्ट में देरी, इलाज न मिलने पर चिंता जाहिर की है। अदालत ने कहा कि आम लोगों के लिए सरकारी अस्पताल का दरवाजा लगभग बंद है। आम लोगों को भर्ती करने से मना कर दिया जाता है। कहीं बेड तो कहीं ऑक्सीजन न होने की जानकारी दी जा रही है। यह गलत है।
सरकार को दिखाया आईना
पटना हाईकोर्ट का कहना है की अस्पताल आए लोगों को भर्ती करने और बेहतर इलाज देने की व्यवस्था की जानी चाहिए। यदि सुविधा नहीं है तो उसे बढ़ाने और संसाधन उपलब्ध कराने की कार्रवाई करें। हाईकोर्ट इस मामले पर 17 अप्रैल को अगली सुनवाई करेगा। मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य में जिस तरह से कोरोना संक्रमण फैल रहा है वो चिंताजनक है। इसके अलावा हाईकोर्ट का कहना है कि सरकारी लैब में आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने में कई दिन लग रहे हैं जबकि प्राइवेट लैब में समय पर रिपोर्ट दी जा रही है।