कभी-कभी छोटी-छोटी बातें हमारा मूड खराब कर देती हैं लेकिन जिस तरह छोटी बातें मूड खराब कर सकती हैं, उसी तरह कुछ छोटी-बातें हमारा मूड ठीक करके हमारे अंदर खुश रहने वाले हार्मोन को भी बढ़ाती हैं।
मनपसंद खाना खाने से निकलता है यह हार्मोन
मनपसंद खाने, गाना सुनने या कोई पसंद का काम करने से डोपामाइन रिलीज होता है। वहीं सेरॉटोनिन मूड बूस्टर की तरह काम करता है। यह ऐंटीडिप्रेसेंट भी है यानी हमें डिप्रेशन में जाने से बचाता है। ये तीनों ही न्यूरोट्रांसमीटर्स हमारे मूड को सही रखने और हमें मेंटली हेल्दी रखने में मदद करते हैं।
डोपामाइन है प्लेजर हॉर्मोन
डोपामाइन को प्लेजर हॉर्मोन भी कहते हैं। सेक्सुअल एक्टिविटी से भी डोपामाइन रिलीज होता है। किसी भी एक्टिविटी को लेकर हमारी एक्साइटमेंट भी इसी कारण से होती है। डोपामाइन किसी भी मनपसंद काम को करने पर रिलीज होता है इसलिए कहा जाता है कि अपनी पसंद को महत्व दें और खुश रहें।
happy
प्यार के लिए जिम्मेदार है यह हार्मोन
ऑक्सीटोसिन को लव हॉर्मोन के नाम से भी जाना जाता है। मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार ऑक्सिटोसिन एक ऐसा हॉर्मोन है, जो हमारे अंदर संतुष्टि का भाव पैदा करता है। ऐसे में कोशिश करनी चाहिए कि अपने आसपास ऐसे लोगों का साथ रखें जिन्हें आप पसंद करते हैं, उन लोगों के साथ वक्त बिताने पर ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन रिलीज होता है और हमारा मूड अच्छा रहता है।
प्रोजेस्टेरॉन की वजह से होता है मूड स्विंग
प्रोजेस्टेरॉन हॉर्मोन हमें चिंता, चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स से बचाता है। महिलाओं में आमतौर पर 35 साल से 40 साल की उम्र के बीच यह हॉर्मोन प्राकृतिक रूप से कम होने लगता है क्योंकि यह उम्र महिलाओं में प्रीमेनॉपॉज ऐज (रजोनिवृत्ति) कहलाती है।