यूपी के बरेली में सुसाइड नोट फाड़े जाने से ग्रामीण इस कदर भड़क गए कि उन्होंने पुलिस कर्मियों को दौड़ा दिया। ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों को पकड़ जमकर पीटा। ग्रामीणों की पिटाई से दो पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं। एसएसपी ने मामले की जांच कराई तो पुलिसकर्मी दोषी निकले। इस पर उन्होंने पूरी पुलिस चौकी को सस्पेंड कर दिया है। माहौल को देखते हुए गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
आंवला थाने के रामनगर क्षेत्र के गांव मऊ चंद्रपुर गांव में एक व्यक्ति की बेटी कुछ दिन पहले अपने प्रेमी संग फरार हो गई थी। लड़की के पिता को जब इसकी जानकारी हुई तो सीधे रामनगर पुलिस चौकी पहुंचा और बेटी को ढूंढकर लाने की गुहार लगाई। आरोप है कि चौकी में मौजूद पुलिसकर्मियों ने बेटी को ढूंढकर लाने के एवज में उससे एक लाख रुपये की मांग की। पीड़ित ने इतने रुपये न होने की बात कही तो उसे वहां से भगा दिया गया। पांच दिन तक लाचार पिता बेटी के लिए इधर-उधर भटक कर पुलिस से गुहार लगाता रहा।
फिर सुसाइड नोट लिखकर पीड़ित ने आत्महत्या कर ली। मृतक ने अपनी मौत का जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को ठहराया था। पीड़ित की आत्महत्या की खबर जब पुलिसकर्मियों को लगी तो वह मौके पर पहुंचे। बताते हैं कि पुलिसकर्मियों ने मृतक के पास से मिले सुसाइड नोट को फाड़ दिया। इससे वहां मौजूद ग्रामीण भड़क गए और पुलिसकर्मियों को दौड़ा लिया। सुसाइड नोट फाड़े जाने से बौखलाए ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों को जमकर पीटा। ग्रामीणों की पिटाई से दो पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
एसएसपी ने पूरी पुलिस चौकी को किया सस्पेंड
पुलिसकर्मियों की शिकायत जब एसएसपी के पास पहुंची तो उन्होंने मामले की जांच करवाई, जिसमें पुलिसकर्मी दोषी निकले। इस पर एसएसपी ने पूरी रामनगर चौकी को ही सस्पेंड कर दिया। एसएसपी ने गांव के माहौल को देखते हुए वहां पुलिस फोर्स तैनात कर दी है।