बीती 26 जनवरी को किसान आंदोलन के नाम पर लाल किले पर हिंसा के आरोपी दो लोगों को अदालत ने सशर्त जमानत दे दी है। अदालत ने इन दोनों आरोपियों को कहा है कि वह जांच को प्रभावित करने का प्रयास ना करें। साथ ही जांच एजेंसी के बुलावे पर मौजूद रहें।
तीस हजारी स्थित अदालत ने इन दो आरोपियों को 25-25 हजार रुपये के निजी मुचलके एवं इतने ही रुपये मूल्य के जमानती के आधार पर जमानत दी है। साथ ही अदालत ने इन आरोपियों को हिदायत दी है कि वह बगैर अनुमति देश ना छोड़ें। दरअसल इन आरोपियों पर गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर हिंसा का आरोप है। इन दोनों आरोपियों को पुलिस ने तफ्तीश के दौरान हिरासत में लिया था।
अदालत में इनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की तरफ से कहा गया कि उनके मुवक्किल बेकसूर हैं। ये दोनों किसान रैली का हिस्सा जरुर थे। लेकिन हिंसा भड़काने में इनका हाथ नहीं है। साथ ही बचाव पक्ष की तरफ से यह भी कहा गया कि वह अदालत की हर शर्त मानने को तैयार हैं।
हालांकि अभियोजन पक्ष ने कहा कि आरोपियों को जमानत पर रिहा नहीं किया जाना चाहिए। अभी कई महत्वपूर्ण तथ्यों की जांच करनी है। साथ ही पुलिस ने कहा कि उनके पास घटना वाले दिन की सीसीटीवी फुटेज मौजूद है। परंतु अदालत ने कहा कि इस मामले की जांच अभी लंबी चलने वाली है। आरोपियों को हिरासत में रखना उचित नहीं है। इसलिए सशर्त जमानत पर रिहा किया जाता है।