महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार पूरे देश से ज्यादा है। हर दिन आने वाले नए केसों में से कमोबेश आधे मामले महाराष्ट्र से ही सामने आ रहे हैं। इस बीच सूबे के मंत्री असलम शेख ने तंज कसते हुए कहा है कि हमने अपनी टास्क फोर्स से कहा है कि वह जांच करे कि आखिर चुनावी राज्यों में केस क्यों नहीं बढ़ रहे हैं। असलम शेख ने कहा, ‘हमने कोविड टास्क फोर्स से कहा है कि वह इस बात की स्टडी करे कि आखिर महाराष्ट्र में ही कोरोना के केस क्यों बढ़ रहे हैं। कई मंत्री भारी भीड़ के बीच चुनाव प्रचार करने में जुटे हैं। इसके बाद भी वहां कोरोना के केसों में इजाफा नहीं हो रहा है।’
इससे पहले बीते सप्ताह महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने भी महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा केस मिलने को लेकर कहा था कि मैं दूसरे राज्यों को लेकर बात नहीं करूंगा। लेकिन हमने तेजी से टेस्टिंग की है और इसकी वजह से भी ज्यादा केस मिल रहे हैं। उन्होंने अपने बयान में किसी राज्य का जिक्र नहीं किया था, लेकिन उन्होंने यह संकेत जरूर किया कि दूसरे राज्यों में कोरोना टेस्टिंग कम हो रही है। देश में डेढ़ लाख से ज्यादा कोरोना केस रविवार को सामने आए हैं, जो देश में अब तक कोरोना के सबसे ज्यादा केस हैं। देश में लगातार बढ़ रही कोरोना की रफ्तार ने चिंताओं को बढ़ा दिया है और कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू से लेकर लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध लागू किए जा रहे हैं।
जीवनरक्षक इंजेक्शन रेमडेसिविर के निर्यात पर लगी रोक
इस बीच कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए जीवनरक्षक कहे जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दी है। भारत सरकार में देश में हालात सुधरने तक के लिए इस रोक का ऐलान किया है। बीते कुछ दिनों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी देखी जा रही थी। ऐसे में सरकार का यह फैसला अहम है। केंद्र सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि देश में 11 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं और इसके चलते इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ गई है। आने वाले दिनों में इस मांग में और इजाफा हो सकता है। ऐसे में सरकार ने भविष्य की चुनौतियों ने से निपटने के लिए इंजेक्शन के एक्सपोर्ट पर रोक का फैसला लिया है।