मुंबई की एक अदालत ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी के खिलाफ अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की कवरेज के दौरान किए गए दावे को ले कर पुलिस अधिकारी की ओर से दायर मानहानि याचिका खारिज कर दी है। पुलिस उपायुक्त अभिषेक त्रिमुखे की ओर से दाखिल याचिका को अदालत ने 1 अप्रैल को खारिज कर दिया था लेकिन इस संबंध में विस्तृत आदेश गुरुवार को उपलब्ध कराया गया।
त्रिमुखे की याचिका में एआरजी आउटलियर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड पर भी आरोप लगाए गए थे। इसके पास रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क का मालिकाना हक है। याचिका में आरोप लगाए गए थे कि गोस्वामी और कुछ अन्य लोगों ने कुछ ट्वीट किए थे जिसमें त्रिमुखी को गलत तरीके से पेश किया गया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश उदय पडवाड ने पाया कि त्रिमुखी की शिकायत दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 199 (2) के उस प्रावधान के अनुरूप नहीं है जिस पर अदालत संज्ञान ले सके। न्यायाधीश ने कहा कि इस संबंध में डीसीपी ने याचिका खुद ही दाखिल की है और इसे सरकारी वकील के माध्यम से दाखिल नहीं कराया गया है।
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 199 (2) का यह प्रावधान किसी लोक सेवक के सार्वजनिक कार्य के निष्पादन में कथित रूप से बाधा डालने के संबंध है जिसमे सत्र अदालत लोक अभियोजक द्वारा लिखित शिकायत दर्ज कराने पर सत्र अदालत ऐसे अपराध का संज्ञान ले सकती है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता अपनी शिकायत को मजिस्ट्रेट की अदालत में ले जा सकता है।
पुलिस अधिकारी ने अपनी याचिका में कहा था कि गोस्वामी ने पिछले वर्ष जून में राजपूत की मौत मामले की कवरेज के दौरान सरासर झूठे, द्वेषपूर्ण और मानहानि करने वाले बयान दिए थे। शिकायत में कहा गया है कि मानहानि करने वाले ये बयान राजपूत की मित्र एवं अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के फोन रिकार्ड पर चर्चा के दौरान रिपब्लिक भारत में प्रसारित किए गए थे।