बिहारशरीफ कोर्ट में प्रवेश से मनाही होने से नाराज वकीलों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। कहा कि बिना पूर्व सूचना के ही शुक्रवार से अचानक कोर्ट को वर्चुअल कर दिया गया। साथ ही, इसका कारण पूछने पर वरीय वकीलों के साथ जज ने ठीक से बात भी नहीं की। वरीय अधिवक्ताओं की भी गाड़ियां रोकी गयीं। मामले को गंभीरता से लेते हुए वकीलों ने आपात बैठक कर निर्णय लिया कि फिजिकल और वर्चुअल कोर्ट का हमलोग पूरी तरह बायकाट करेंगे। किसी भी तरह के अदालतीय कार्य में शामिल नहीं होंगे।
वहीं मसले पर प्रेस को बुलाकर जिला जज डॉ. रमेशचंद्र द्विवेदी ने कहा कि कोरोना के बढ़ते हालात पर गुरुवार को वकील साथियों और अधिकारियों के साथ बैठक की गयी थी। शुक्रवार की शाम में पुन: बैठक कर अहम निर्णय लिये जाने थे। लेकिन, इसी दौरान गुरुवार की देर शाम में माननीय हाईकोर्ट का आदेश आया कि हर हाल में सभी अदालतें वचुर्अल की दी जाएं। ऐसे में अचानक आये आदेश का पहले पालन करना पड़ा।
सुरक्षा बढ़ायी गयी:
वकीलों व न्यायाधीशों के बीच उपजी तकरार की स्थिति को देखते हुए बिहारशरीफ कोर्ट को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। अधिवक्ता संघ के जिला सचिव दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि बिना किसी पूर्व सूचना के कोर्ट को वर्चुअल मोड में शुरू किया जाना न्यायोचित नहीं है। अधिवक्ताओं और उनकी गाड़ियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी। इसको लेकर जब हमलोग माननीय जिला जज से मिलने गए तो उन्होंने हमलोगों के साथ अमर्यादित ढंग से बर्ताव करते हुए जाने को कहा। इसके विरोध में हमलोग भी न्यायिक कार्यों का बहिष्कार करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। जब तक जिला जज अधिवक्ताओं के बीच आकर बात नहीं करेंगे, तब तक हम लोग कोर्ट परिसर में कदम नहीं रखेंगे।