कोरोना वैक्सीन को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। महाराष्ट्र की ओर से वैक्सीन की कम सप्लाई किए जाने के आरोप का जवाब देते हुए केंद्र ने राज्य सरकार पर ही टीकों की बर्बादी का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘महाराष्ट्र के पास 23 लाख डोज हैं, जिसका मतलब है कि उसे पास 5 दिन के लिए वैक्सीन का स्टॉक है। हर राज्य के पास ही 3 से 4 दिन का स्टॉक है। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अलग-अलग जिलों को सप्लाई करे। लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने इसकी बजाय 5 लाख डोज बर्बाद कर दीं।’
इससे पहले महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने केंद्र सरकार पर वैक्सीन की कम सप्लाई करने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि केंद्र की ओर से गुजरात, यूपी और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों को ज्यादा सप्लाई दी जा रही है, जबकि वहां केस कम हैं। यही नहीं उन्होंने कहा था कि सरकार को दूसरे देशों की बजाय अपने राज्यों पर फोकस करना चाहिए। टोपे ने कहा था, ‘हमें हर सप्ताह कम से कम 40 लाख डोज की जरूरत है। दूसरे देशों को टीकों की सप्लाई करने की बजाय सरकार को राज्यों को देनी चाहिए। केंद्र सरकार की ओर से हमें मदद मिल रही है, लेकिन उतनी नहीं, जितनी हमें जरूरत है।’
महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस ने भी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, ‘आज हमारा देश पाकिस्तान को भी फ्री वैक्सीन दे रहा है। लेकिन महाराष्ट्र को लेकर वे राजनीति कर रहे हैं। बीजेपी के केंद्र और राज्य के नेता महाराष्ट्र को टारगेट कर रहे हैं। उन्हें इसका अंजाम भुगतना होगा।’ इससे पहले गुरुवार को सतारा, सांगली, पनवेल में वैक्सीनेशन रोक दिया गया। इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि बुलढाणा में भी एक ही दिन का स्टॉक बचा है। प्रदेश सरकार का कहना है कि पुणे में भी 109 वैक्सीन सेंटर्स को बंद कर दिया गया है।
डॉ. हर्षवर्धन बोले, बकवास हैं वैक्सीन की कमी जैसे आरोप
महाराष्ट्र सरकार के आरोपों पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र की ओर से टीके कम होने की बात कहना बकवास है। उनका कहना था कि वैज्ञानिक पद्धति के जरिए कोरोना वैक्सीन की सप्लाई की जा रही है और सभी राज्यों को प्राथमिकता के आधार पर टीके दिए जा रहे हैं