मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध कार से लेकर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच तक में परमबीर सिंह अहम कड़ी बन गए हैं। मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह से आज सीबीआई बयान ले सकती है। पूर्व होम मिनिस्टर अनिल देशमुख पर सीएम को लिखी चिट्ठी में परमबीर सिंह ने ही हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली मुंबई से कराने का आरोप लगाया था। अब उनके इस आरोप को लेकर आज सीबीआई की ओर उनका बयान दर्ज किया जाएगा। इस बीच वह बुधवार को सुबह ही मुकेश अंबानी के घर के बाहर संदिग्ध कार मिलने के केस में एनआईए के दफ्तर पहुंचे।
हाई कोर्ट ने 5 अप्रैल को वकील जयश्री पाटिल की अर्जी पर सीबीआई को अनिल देशमुख के खिलाफ प्रारंभिक जांच करने और फिर उसके आधार पर एफआईआर दर्ज करने का फैसला लेने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मंगलवार को ही सीबीआई की 6 सदस्यों की टीम दिल्ली से मुंबई पहुंच गई। 20 मार्च को सीएम उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर आरोप लगाया था कि उन्होंने सचिन वाझे को हर महीने मुंबई से 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट दिया था। इस पत्र के आधार पर ही वकील जयश्री पाटिल ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अनिल देशमुख के खिलाफ जांच की मांग की थी। डॉ. पाटिल ने अपनी अर्जी में मांग की थी कि इस मामले में मालाबार पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए और मामले की जांच सीबीआई को दी जानी चाहिए।
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस गिरीश कुलकर्णी की बेंच ने अपने 52 पन्नों के आदेश में कहा था कि अनिल देशमुख के गृह मंत्री रहते हुए पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती। ऐसे में सीबीआई को मामले की प्रारंभिक जांच करनी चाहिए और फिर उसे फैसला लेना होगा कि एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए या फिर नहीं। मंगलवार को मुंबई पहुंचते ही सीबीआई की टीम ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसके तहत एजेंसी परमबीर सिंह और उनकी ओर से लेटर में दिए गए नामों से पूछताछ कर सकती है। इसके अलावा मामले में अर्जी दाखिल करने वालीं वकील जयश्री पाटिल से भी पूछताछ की जा सकती है।बता दें कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद ही महाराष्ट्र के होम मिनिस्टर के पद से अनिल देशमुख ने अपना इस्तीफा दे दिया था। उनकी जगह पर एनसीपी ने दिलीप वलसे पाटिल को गृह मंत्री बनाया है। महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में गृह मंत्री का पद एनसीपी के कोटे में गया है। ऐसे में अनिल देशमुख के विकल्प का फैसला भी शरद पवार ने ही लिया और अपने करीबी दिलीप वलसे पाटिल को मौका दिया है।