अरुण जेटली और सुषमा स्वराज जैसे नेताओं का निधन पीएम नरेंद्र मोदी की वजह से हुआ था क्योंकि वे उनके दबाव और उत्पीड़न को नहीं सह सके। इस आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन को चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है। आयोग की ओर से उदयनिधि को बुधवार शाम तक जवाब देने का आदेश दिया गया है। आयोग ने चेताया है कि यदि उदयनिधि तय समय के भीतर अपनी ओर से जवाब नहीं देते हैं तो फिर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। नोटिस में कहा गया है कि आयोग को बीजेपी की ओर से 2 अप्रैल को शिकायत मिली है कि उदयनिधि ने धारापुरम में एक रैली को संबोधित करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
इस विवादित टिप्पणी में उदयनिधि ने कहा था, ‘सुषमा स्वराज और अरुण जेटली का निधन इसलिए हो गया क्योंकि वह पीएम नरेंद्र मोदी के दबाव और उत्पीड़न को नहीं झेल सके।’ चुनाव आयोग का मानना है कि उदयनिधि की इस टिप्पणी ने आचार संहिता को तोड़ने का काम किया है। आयोग के निर्देशों के मुताबिक चुनाव प्रचार के दौरान कोई भी नेता विपक्षी दल की नीतियों, पिछले काम और रिकॉर्ड को आधार बनाते हुए ही आलोचना कर सकता है। आचार संहिता के मुताबिक किसी भी नेता की निजी जिंदगी या संबंधों के बारे में कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की जा सकती।
इसके अलावा विपक्षी नेताओं या कार्यकर्ताओं पर गलत आरोप लगाने से बचने की भी सलाह दी गई है। बता दें कि तमिलनाडु में मंगलवार 6 अप्रैल को वोटिंग थी और एक ही राउंड में सभी सीटों पर मतदान हुआ है। इसके साथ ही केरल, पुडुचेरी में भी 6 अप्रैल को ही वोटिंग थी। वहीं असम में भी मंगलवार को तीसरे और आखिरी राउंड की वोटिंग हो गई। हालांकि इस चुनावी जंग में सबसे ज्यादा चर्चा पश्चिम बंगाल की है, जहां 8 राउंड में वोटिंग होनी है। चौथे चरण का मतदान पश्चिम बंगाल में 10 अप्रैल को होना है और आखिरी राउंड की वोटिंग 27 अप्रैल को होगी। इसके बाद 2 मई को सभी 5 राज्यों के चुनावी नतीजों का एक साथ ही ऐलान होगा।