अब किसी भी पेट्रोल पंप, दवा की दुकान और मिठाई की दुकान से बिना मास्क लगाए कोई सामान नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं डॉक्टर के पर्चे के बिना मेडिकल स्टोर से सर्दी, खांसी, जुकाम की दवा खरीदने वालों का भी डेटा तैयार होगा। इस डेटा के आधार पर सर्विलॉन्स टीम टेस्टिंग की कार्रवाई शुरू करेंगी।
गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए व्यापारिक बंधुओं के साथ सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक की। बैठक में व्यापार कर, श्रम विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने सभी व्यापारिक संगठनों को कोरोना की रोकथाम करने की जिम्मेदारी दी। उन्होंने कहा कि सभी व्यापारिक संगठन अपने क्षेत्रों में मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने के लिए दुकानदारों व ग्राहकों को जागरूक करेंगे।
संगठन ऑडियो के जरिये लगातार प्रचार-प्रसार करें। बैठक में तय किया गया कि सभी मिठाई की दुकानें, पेट्रोल पंप, मेडिकल स्टोर, किराना स्टोर ऑफिस व मॉल आदि में कार्य करने वाले कर्मचारी सभी लोगों को मास्क पहनने व सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने के लिए जागरूक करेंगे।
अस्पताल में मरीज संग एक तीमारदार ही आ सकेगा
गाजियाबाद के अस्पतालों में अब मरीज के साथ केवल एक ही तीमारदार को आने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही कोरोना जांच भी आवश्यक रूप से की जाएगी। अस्पतालों में पहुंच रहे संक्रमित से सामान्य मरीजों को संक्रमण का खतरा हो रहा है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शासन की ओर से नॉन कोविड निजी और सरकारी अस्पतालों के लिए विशेष गाइडलाइन जारी कर दी गई हैं। इसमें मरीजों और उनके तीमारदारों की अनिवार्य रूप से कोविड जांच की जाएगी। कोविड जांच एंटीजन किट से की जाएगी, लेकिन लक्षण युक्त रोगियों की कोविड जांच अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर विधि से कराई जाए।
प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक की ओर से भेजे गए निर्देशों में कहा गया है कि अस्पतालों में ज्यादा भीड़ होना ठीक नहीं है, क्योंकि अस्पताल परिसर में संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए किसी भी रोगी के साथ अस्पताल में केवल एक ही तीमारदार को प्रवेश दिया जाए। इसके अलावा कोविड से मिलते जुलते लक्षण वाले रोगियों को अलग से आइसोलेशन वार्ड में जाने की व्यवस्था की जाए। जांच में यदि किसी रोगी को कोविड की पुष्टि होती है तो उसे तब तक आइसोलेशन में रखा जाए जब तक उसे कोविड अस्पताल में भर्ती कराने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था न हो जाए। साथ ही तीमारदार की रिपोर्ट आने तक उसको आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए।
पांच दिनों में दोगुनी हुई संक्रमण दर : जिले में पिछले पांच दिनों में कोरोना संक्रमण दो गुना हो चुकी है। मार्च में जिले में कोरोना संक्रमण दर 0.71 फीसदी थी जो महज पांच दिनों में ही बढ़कर 1.42 हो चुकी है। इसके साथ ही स्वस्थता दर में भी लगभग एक प्रतिशत की कमी आई है। जिले में फिलहाल स्वस्थता दर 98.2 फीसदी है। यह मार्च में 99.3 तक पहुंच गया था। संक्रमण दर बढ़ने पर प्रशासन हरकत में आया है।
कोविड नियमों का विशेष ध्यान रखा जाए
सभी अस्पतालों में कोविड नियमों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का अनिवार्य रूप से पालन कराया जाए। इसके साथ ही जगह-जगह सैनिटाइजर भी उपलब्ध होना आवश्यक है।
फीवर डेस्क लगाने के निर्देश दिए
स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पतालों में फीवर डेस्क दोबारा सक्रिय करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए अस्पतालों में बुखार के मरीजों की विशेष जांच की जाएगी और संदिग्ध कोरोना जांच अनिवार्य रहेगी।