मध्य प्रदेश के कांजीकैंप में शनिवार रात नाइट कर्फ्यू के दौरान एक होटल को बंद कराने गई पुलिस और होटल के मालिक के बीच झगड़े का एक मामला सामने आया। जिसमें होटल के मालिक और उसके बेटों ने उबलती हुई चाय फेंककर धक्का-मुक्की की। इतना ही नहीं होटल के मालिक और उसके परिवार ने पुलिस पर पथराव भी करना शुरू कर दिया। होटल बंद कराने पहुंची पुलिस के एक एसआई समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए।
हनुमानगंज थाना प्रभारी महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि कोरोना की रोकथाम के लिए शहर में रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा है। पुलिस को जानकारी मिली थी कि जहीर खान ने अपना होटल अल मदीना खोल रखा है और वहां कस्टमर को चाय पिलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस साढ़े नौ बजे वहां मौके पर पहुंची और जहीर खान से होटल बंज करने को कहा, जिसके बाद उसने शटर गिरा दिया।
10:30 बजे पुलिस को फिर सूचना मिली कि जहीर फिर से शटर खोलकर कस्टमर्स को चाय पिला रहा है। होटल के ऊपर ही जहीर का परिवार रहता है। सूचना मिलते ही एएसआई अरविंद जाट, हवलदार लोकेश जोशी, औस सिपाही सुजान मीणा दोबारा मौकेक पर पहुंचे तो शटर खुला हुआ था और अंदर कुछ 8-10 ग्राहक बैठे थे।
जैसे ही एएसआई जाट ने जहीर खानन को होटल बंद करने के लिए कहा तो उसने उन पर कप से चाय फेंककर गाली गलौच करनी शुरू कर दी। इसके जहीर के बेटे ने शावेज ने उबलती हुई चाय एएसआई जाट पर फेंक दी। जिससे उनका दाया हाथ बुरी तरह झुलस गया।
इसके बाद जहीर, शावेज, सलमान और उनके ग्राहकों ने पुलिस वालों को धक्का-मुक्की करके होटल से बाहर निकाल दिया और शटर लगा दिया। इतना ही नहीं इसके बाद जहीर के घर की महिलाओं ने होटल के ऊपर से पुलिसवालों पर पथराव शुरू कर दिया।
वहीं जहीर के परिवार की महिलाओ ने पुलिस पर उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है। इसी के साथ पुलिस पर घर में तोड़-फोड़ का आरोप लगाया है। उनका कहना हा कि पुलिस ने उनकी नौ साल की बच्ची की बुरी तरह पिटाई की। महिलाओं के हाथ,पैर और गले में चोट दाई है। दूसरी तरफ पुलिस ने कहा है कि महिलाओं ने थाने पुलिस द्वारा किसी भी तरह की मारपीट की शिकायत नहीं की गई है और किसी ने मेडिकल नहीं कराया है।