शिवसेना सांसद संजय राउत ने सोमवार को दावा किया कि उन्होंने पहले ही पार्टी के कुछ नेताओं को चेताया था कि सचिन वाझे महाराष्ट्र सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक वाली कार और इसके मालिक मनसुख हिरेन की हत्या केस में गिरफ्तार किए गए मुंबई पुलिस के असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाझे की वजह से महाविकास अघाड़ी सरकार की किरकिरी हो रही है तो गठबंधन सहयोगी पार्टियों में अविश्वास बढ़ गया है।
राउत ने यह भी कहा कि सचिन वाझे प्रकरण ने शिवसेना की अगुआई वाली महाविकास अघाड़ी सरकार को कुछ सबक सिखाए हैं। महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है। एंटीलिया बम केस और मनसुख हिरेन हत्या हत्याकांड में एनआईए ने वाझे को गिरफ्तार किया है। वाझे को पुलिस हिरासत में घाटकोपर बम ब्लास्ट के आरोपी ख्वाजा युनूस की हिरात में मौत के बाद 2004 में सस्पेंड कर दिया गया था। कभी शिवसेना में शामिल हुए वाझे को पिछले साल दोबारा बहाल किया गया।
राउत ने एक टीवी चैनल से कहा, ”जब वाझे को महाराष्ट्र पुलिस में दोबारा बहाल करने का प्लान बना तो मैंने कुछ नेताओं को सूचना दी थी कि वह हमारे लिए समस्याएं पैदा कर सकता है। उसका व्यवहार और काम करने का तरीका सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।” राज्यसभा सांसद ने आगे कहा कि वह उन नेताओं के नाम सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं।
राउत ने कहा कि वह दशकों से पत्रकार रहे हैं और वाझे के बारे में जानते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एक आदमी खराब नहीं होता है, लेकिन परिस्थितियां उन्हें ऐसा बना देती हैं। संजय राउत ने कहा, ”वाझे की गतिविधियों और इस पूरे घटनाक्रम, विवादों ने महाविकास अघाड़ी सरकार को सबक सिखाया है। एक तरह से यह अच्छा है कि यह हुआ और इसने हमें कुछ सबक सिखाए।”
उद्धव ठाकरे की ओर से वाझे का बचाव किए जाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उद्धव ने कहा कि उन्हें (ठाकरे) वाझे और उनकी गतिविधियों को लेकर अधिक जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा, ”मुख्यमंत्री ने समर्थन किया, लेकिन उसकी जो गतिविधियां सामने आई हैं, अधिकारी के बचाव की कोई वजह नहीं है।”
किसने कराई वाझे की बहाली?
संजय राउत के इस खुलासे से एक बार फिर यह सवाल जोरशोर से उठेगा कि आखिर किसने वाझे की दोबारा बहाली कराई। बीजेपी बार-बार यह सवाल उठा रही है। पिछले दिनों विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि उनके कार्यकाल के दौरान खुद उद्धव ठाकरे ने उन्हें वाझे को बहाल करने को कहा था, लेकिन लीगल एक्सपर्ट से सलाह के बाद वाझे को बहाल नहीं कराया था।