रविवार की सुबह साढ़े सात बजे गुरुग्राम में निर्माणाधीन द्वारका एक्सप्रेस-वे एलिवेटेड हाईवे के दो स्लैब गिर गए। एलिवेटेड पर काम कर रहे तीन कर्मचारी घायल हो गए। तीनों को राहत-बचाव टीम ने अस्पताल में भर्ती कराया है। हादसे के बाद मौके पर पुलिस, एनएचएआई और सिविल डिफेंस की टीम पहुंच गई है। आसपास में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात कर चारों तरफ से बैरिकेडिंग कर दी गई है।
हादसे के बारे में पता लगाने के लिए एनएचएआई एक्सपर्ट टीम मौके पर जांच कर रही है। यह एलिवेटेड हाईवे गुरुग्राम के खेड़कीदौला से दिल्ली द्वारका तक 29 किलोमीटर तक बनाया जा रहा है। जिसकी लागत करीब नौ हजार करोड़ रुपये रखी गई है। दो वर्ष पहले शुरु हुए निर्माण को अगस्त 2022 तक पूरे करने की योजना है। एलिवेटे एक्सप्रेस-वे का निर्माण लारसेन एंड टूबरो कंपनी करवा रही है। कंपनी के कर्मचारी भरी मौके पर पहुंच गए हैं।
सेग्नेंट फेल होना हो सकती है वजह :
तकनीकी तौर पर अभी यह पता नहीं चला है कि स्लैब क्यों गिरे, लेकिन एनएचएआई के तकनीकी विशेषज्ञों की माने तो यह हादसा सेग्मेंट फेल होने से भी हो सकता है। प्राथमिक तौर पर इसकी जांच की जा रही रही है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया जा सकता है। तकनीकी टीम की रिपोर्ट आने के बाद भी हादसे की असल वजह के बारे में चता लगेगा।
पिलर नंबर 107 और 109 के बीच गिरे स्लैब :
गुरुग्राम में सेक्टर-106 दौलताबाद के पास द्वारका एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे का काम चल रहा है। यहां पर अभी पिलर नंबर 107 और 109 के बीच स्लैब लगाने का काम किया जा रहा है। शनिवार की रात आठ बजे शिफ्ट का काम खत्म कर दिया गया था। तब यह स्लैब लगाए गए थे, लेकिन रविवार को सुबह साढ़े सात बजे के करीब अचानक तेज आवाज के साथ धड़ाम से दो स्लैब नीचे गिर गए। हादसा होने के बाद एलिवेटेड का काम बंद कर दिया गया है। एनएचएआई की तकनीकी टीम मौके पर जांच करने में जुटी है।
बड़ा हादसा टला :
गुरुग्राम में दौलताबाद के पास द्वारका एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे दो स्लैब गिरे, लेकिन बड़ा हादसा टल गया। दरअसल हादसा सुबह के वक्त हुआ तो उस समय काम नहीं चल रहा था। अगर काम चल रहा होता तो हादसा बहुत ही बड़ा हो सकता था, हालांकि पास में देखभाल कर रहे तीन कर्मचारियों जख्मी हुए हैं। जिन्हें अस्पताल भेज दिया गया है।
दो किमी तक भूकंप जैसे झटके :
द्वारका एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे के स्लैब गिरने से करीब दो किलोमीटर तक लोगों को भूकंप जैसे झटके महसूस हुए। तेज आवाज और जमीन के हिलने पर सुबह के समय अपने घरों में मौजूद लोग बाहर निकले। सोते हुए लोगों की नींद तेज धमाके के साथ खुली। लोगों ने बताया कि करीब दो किमी तक जमीन हिली और भूकंप जैसे झटके लगे। जिससे लोग सहम गए और घरों के बाहर आ गए। हालांकि बाद में जानकारी होने पर घरों में लौट गए।
एनएचएआई अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप :
सामाजिक कार्यकर्ता यशीश यादव ने द्वारका एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे के निर्माण में लापरवाही पर निर्माण कंपनी के ठेकेदार एवं एनएचएआई के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने पीएमओ को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि ऐसे हादसों के बारे में लोगों की ओर से पहले ही चेताया गया था। इसके लिए एनएचएआई समेत पीएमओ को भी पत्र लिखा गया था, लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया। इसमें साफ तौर पर लापरवाही हुईहै। गनीमत रही कि हादसा सुबह के वक्त हुआ और काम नहीं चल रहा था। अगर काम के वक्त हादसा होता तो बड़ा हादसा हो जाता।
नितिन गडकरी ने चार मार्च को किया था निरीक्षण:
जयपुर से दिल्ली द्वारका की ओर जाने वाले लोगों और हाईवे पर दिल्ली में जाम करने के लिए गुरुग्राम के खेड़कीदौला टोल के पास से द्वारका एक्सप्रेस का निर्माण किया जा रहा है। बीते चार मार्च को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एनएचएआई अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया था। वह गुरुग्राम के खेड़कीदौला से दिल्ली तक द्वारका एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण करते हुए बस से गए थे। उन्होंने पूर्ण गुणवत्ता के साथ अधिकारियों को काम समय से पूरा करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने बताया कि अगस्त 2022 तक इस एलिवेटेड हाईवे का निर्माण पूरा कर दिया जाएगा। उनके दौरे के ठीक 24 दिन बाद एलिवेटेड हाईवे के दो स्लैब गिर गए।
ठेकेदार ने तीन कर्मचारियों के घायल होने की सूचना दी है जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौके पर पुलिस के साथ सिविल डिफेंस की टीम पहुंच गई है।