गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने निठारी कांड के 13वें मामले में मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली को शुक्रवार को बरी कर दिया। कोर्ट ने कोली को पुख्ता साक्ष्यों के अभाव में बरी किया है। कोली पर इस मामले में बच्ची की हत्या, दुष्कर्म और शव नाले में फेंकने का आरोप लगाया गया था। निठारी कांड के अब तक 12 मामलों में सीबीआई कोर्ट उसे फांसी की सजा सुना चुकी है।
जानकारी के अनुसार, एक बच्ची से दुष्कर्म, हत्या और शव नाले में फेंकने से जुड़े 13वें मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सुनवाई के बाद मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली को पुख्ता सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। निठारी कांड का खुलासा 29 दिसंबर 2006 को हुआ था। कोठी नंबर D-5 में ही सुरेंद्र कोली ने इन हत्याओं और दुष्कर्म की वारदातों को अंजाम दिया था।
सीबीआई ने बच्चियों के लापता होने और हत्या कर शव छुपाने के मामले में मुकदमा दर्ज किया था। छानबीन के बाद डी-5 कोठी मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार करके सीबीआई ने बड़ा खुलासा किया था। आरोप था कि इन लोगों ने मासूम और नाबालिग बच्चियों का अपहरण कर दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी थी और फिर शवों को क्षत-विक्षत कर नाले में फेंका गया था।
निठारी में 2006 में दिल दहला देने वाले 12 केसों में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट भले ही फैसले सुना चुकी हो, लेकिन इसी कांड में चार मामले अब भी कोर्ट में विचाराधीन हैं। इन मामलों में भी अभी फैसला आना बाकी है। इसके साथ ही निठारी कांड से जुडे़ तीन मामले ऐसे भी हैं, जिन में आज तक कोई पर्दा नहीं उठ सका। कई महीनों की जांच के बाद जब इन तीन मामलों में कोई सबूत नहीं मिला तो सीबीआई ने इनमें अपनी क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी थी।