दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर (एसीपी) सहित बाबा हरिदास नगर थाना के एसएचओ और एक एएसआई के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
इससे पहले शिकायतकर्ता द्वारा दायर एक शिकायत पर अगस्त 2017 में अदालत के निर्देश पर एक एफआईआर दर्ज की गई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि उसके इलाके के कई लोगों ने उसके खिलाफ लगभग 63 व्यक्तियों के झूठे और जाली हस्ताक्षर करने की शिकायत की है।
शिकायत में उक्त लोगों ने आरोप लगाया है कि शिकायतकर्ता जानबूझकर अपनी जाति का दुरुपयोग करता है और विभिन्न लोगों को फंसाता है और बाद में उनसे पैसे लेकर मामले को सुलझाता है। इस शिकायत पर बाहरी जिले के एसीपी / पीजी से पूछताछ की गई।
पुलिस ने उस एफआईआर में एससी / एसटी एक्ट के तहत आरोप पत्र दाखिल किया जो शिकायतकर्ता के सीसीटीवी फुटेज की सामग्री पर निर्भर करता है।
कथित तौर पर 63 व्यक्तियों द्वारा हस्ताक्षरित एक शिकायत पर हस्ताक्षर करने के बाद हाईकोर्ट के समक्ष आरोपी व्यक्तियों ने 24 अगस्त, 2017 के आदेश को चुनौती दी और दिल्ली हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर प्राप्त किया।
पूछताछ के बाद, शिकायतकर्ता को पता चला कि कॉलोनी में सीवर लाइन बिछाने और जन कल्याणकारी गतिविधियों के लिए अधिकारियों को प्रतिनिधित्व देने के झूठे आश्वासन पर कई व्यक्तियों से हस्ताक्षर प्राप्त किए गए थे और ऐसे ही एक हस्ताक्षरकर्ता ने बताया कि अक्टूबर 2017 से उन्होंने कभी आरडब्ल्यूए के लेटरहेड पर हस्ताक्षर नहीं किए और उनके हस्ताक्षर जाली और फर्जी हैं।
कोर्ट ने कहा कि “मुझे यह समझने में परेशानी हो रही है कि एक पुलिस अधिकारी यानी एफआईआर के आईओ शिकायतकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ घर के सीसीटीवी फुटेज में जाति-संबंधी टिप्पणी सुनने में सक्षम हैं, जबक एसीपी/पीजी सेल, बाहरी जिला और अन्य पुलिस अधिकारी वह बात नहीं सुन पा रहे हैं। यह सब तत्कालीन एसीपी / पीजी सेल, बाहरी जिले की मदद करने और ढाल बनाने के लिए एक कार्य जैसा प्रतीत होता है।”
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सोनू अग्निहोत्री ने 19 मार्च को आदेश पारित करते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एएसआई नरेश कुमार, तत्कालीन एसएचओ थाना बाबा हरिदास नगर और तत्कालीन एसीपी नजफगढ़ और तत्कालीन एसीपी / पीजी सेल बाहरी जिला के खिलाफ एससी-एसटी अधिनियम की धारा 3 (2) (vii) और धारा 217/218 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।