अंधविश्वास में लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं। ऐसे ही अंधविश्वास के चलते एक महिला ने एक मासूम की जान लेली। दिल्ली में महिला ने अपने ही पड़ोसी के बच्चे को मौत के घाट उतार डाला। बच्चे को मारने का कारण था, अंधविश्वास। दरअसल इस महिला को बच्चे नहीं हो रहे थे और एक तांत्रिक ने महिला को कहा कि अगर वो बच्चा पैदा करना चाहती है तो पहले उसे एक बच्चे की बली देनी होनी होगी।
दरअसल चार साल पहले, एक तांत्रिक ने महिला को सुझाव दिया था कि अगर वह गर्भ धारण करना चाहती है, तो उसे एक बच्चे की बलि देनी होगी।
डीसीपी प्रणव तायल के अनुसार, आरोपी की पहचान 25 वर्षीय नीलम गुप्ता के रूप में की गई है। वह हरदोई के गांव सुंदबल की रहनने वाली थी। थाना बुद्ध विहार की टीम ने 3 साल के बच्चे की हत्या के आरोपे में इस महिला को गिरफ्तार किया है। अपने खुद के बच्चे की चाहत में, उसने भगवान को खुश करने के लिए अपने पड़ोसी के बेटे को मार डाला।
पूरा मामला
डीसीपी के अनुसार, 20 मार्च को, पीएस बुद्ध विहार में एक 3 साल के बच्चे के लापता होने की सूचना मिली थी। इस बीच, तलाशी अभियान के दौरान, कर्मचारियों में से एक ने बगल के घर की छत पर एक सफेद रंग का बैग देखा। वह बैग जिस तरह रखा गया था वह देखकर पुलिस कर्मियों को शक हो गया। वे तुरंत बैग के पास गए और उसे खोला, तो बैग के अंदर बच्चे का शव पाया।
मृतक बच्चे की गर्दन पर चोट के निशान थे। पूछताछ के दौरान, यह पता चला कि आखिरी बार बच्चे को नीलम के एक पड़ोसी के साथ देखा गया था। आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने की खूब कोशिश की लेकिन बाद में उसने हत्या की बात कूबल कर ली।
पूछताछ के दौरान, उसने खुलासा किया कि उसने 2013 में शादी की थी और मेडिकल हेल्पके बावजूद बच्चा नहीं हे रहा था। उसने बताया कि ससुराल और समाज के ताने के कारण वह गर्भ धारण करने के लिए बहुत दबाव में थी। इसलिए, उसने चार साल पहले हरदोई में एक तांत्रिक से संपर्क किया जिसने उसे उस समय सुझाव दिया कि अगर वह गर्भधारण करना चाहती है तो उसे एक बच्चे की बलि देनी होगी।
पुलिस ने कहा, अपने खुद के एक बच्चे को पाने के लिए वह बेताब थी, उसने भगवान को खुश करने के लिए अपने पड़ोसी के बेटे को मारने का फैसला किया।