बिहार विधानसभा में सामाजिक सुरक्षा के तहत बुजुर्गों, विधवा और दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाने की मांग उठी। भाजपा विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने इसे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत सदन में रखा। नीतीश सरकार के मंत्री ने इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि पेंशन की राशि को बढ़ाया नहीं जा सकता है।
सरकार के जवाब से भाजपा विधायक नाराज हो गए। उन्होंने सदन में आलोचना करते हुए कहा कि मंत्री जी का जवाब ठीक वैसा है जैसे हसुआ के विवाह में खुरपी का गीत गाया जाता है. भाजपा विधायक ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन को लेकर सदन के अंदर मांग की। उन्होंने कई राज्यों से तुलना करने पर इस राशि को बढ़ाने का हवाला दिया।
इसपर बिहार सरकार के मंत्री मदन साहनी ने हाथ खड़े कर दिए। उन्होंने सीमित संसाधन का हवाला देते हुए पेंशन बढ़ाने से मना कर दिया। इससे भाजपा विधायक नाराज हो गए। मंत्री साहनी ने कहा कि राज्य सरकार 95 लाख लोगों को सहायता राशि देती है। बिहार सरकार अन्य राज्यों की तुलना में सहायता राशि नहीं दे सकती है।
मंत्री ने कहा कि केंद्र की तरफ से 28 फीसदी सहायता राशि दी जाती है जबकि बिहार को 72 फीसदी राशि देनी होती है। भाजपा विधायक ने कहा, ‘मैं मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हूं। मंत्री जी का ये उत्तर तो ऐसा हुआ कि हसुआ के ब्याह में खुरपी का गीत गाया गया। हमें शर्म आती है और दुख होता है कि आज जो मंत्री जी उत्तर दे रहे हैं वो कहीं से सही नहीं है।’
विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरा है। राजद विधायक आलोक कुमार मेहता ने कहा कि सरकार से कोई खुश नहीं है। सत्तारूढ़ दल के विधायक भी खुश नहीं हैं। सरकार जनता की आकांक्षाओं पर खरी नहीं उतर रही है।