राजस्थान में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बढ़ते खतरे पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार रात सभी स्वास्थ्य और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने पिछले अनुभव के आधार पर संसाधनों का उपयोग करें, जो वायरस के नियंत्रण के लिए उपलब्ध हैं। साथ ही यह भी कहा कि कोरोना से बचने के लिए नियमों को कड़ाई से लागू करना, गहन परीक्षण, भीड़ नियंत्रण, मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करना बहुत जरूरी है।
दरअसल सीएम गहलोत गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्य में कोविड को हालातों के मद्देनजर की गई एक समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने कहा, “एक हफ्ते में तीन बार कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी रेट में वृद्धि होना काफी चिंताजनक स्थिति है। पिछले एक साल के दौरान कोरोना से लड़ने के हमारे साझा अनुभव के आधार पर, हमें लोगों को दूसरी लहर के खतरे से बचाना होगा। इसके लिए विभिन्न राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, कार्यकर्ताओं और धार्मिक नेताओं, आदि के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। हमने कोरोना के खिलाफ अब तक सभी पक्षों को एक साथ लेकर और एक-दूसरे के साथ समन्वय स्थापित करके सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ी है।”
सीएम ने यह भी कहा कि बुधवार को प्रधानमंत्री के साथ सभी राज्यों की बैठक में, यह पता चला है कि संक्रमण पूरे देश में फिर से बढ़ रहा है और कई राज्यों में स्थिति बहुत चिंताजनक हो गई है। उन्होंने अधिकारियों को संक्रमण की किसी भी गंभीर स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त देखभाल करने और संसाधनों को आवश्यकतानुसार उपयोग करने के लिए कहा है। साथ ही आने वाले दिनों में ऑक्सीजन प्लांट, टेस्टिंग लैब, क्वारंटाइन और कंटेनमेंट जोन जैसी सुविधाओं का का उपयोग करने के निर्देश भी दिए हैं।
गहलोत ने पुलिस और स्थानीय निकायों सहित संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे बाजारों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भीड़भाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि कोविड-19 को रोकने के उपायों को अपनाने के लिए आम लोगों को समझाने के उद्देश्य से एक बार फिर एक व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया जाना चाहिए।
वहीं, चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा, “हमें कोविड -19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सभी संभव उपाय करने होंगे। वर्तमान में कुछ ही जिलों में मामले बढ़े हैं और इस प्रारंभिक चरण में संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है। विभाग के अधिकारियों को अन्य विभागों के साथ समन्वय में अलर्ट मोड को ध्यान में रखते हुए हमेशा सभी सावधानियों को अपनाते हुए कोरोना के नियंत्रण का प्रबंधन करना होता है।”
इस दौरान चिकित्सा और स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ महाजन ने भी राजस्थान में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की। उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में लगातार 300 से अधिक कोरोना मामले सामने आए हैं और कुल मरीजों की संख्या तीन हजार से अधिक हो गई है।
उन्होंने बताया कि यह संतोष की बात है कि अधिकांश सक्रिय मामले फिलहाल होम आइशोलेशन में हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सैंपलिंग बढ़ाने और संदिग्ध रोगियों को अलग करने और बढ़ते संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए तुरंत उपचार शुरू करने की योजना बनाई है। इसके लिए जिला-स्तर के स्वास्थ्य अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।