कारोबारी मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध कार को लेकर महाराष्ट्र सरकार अब बैकफुट पर नजर आ रही है। शुक्रवार को सूबे के होम मिनिस्टर अनिल देशमुख ने दिल्ली में एनसीपी के चीफ शरद पवार से मुलाकात की। पार्टी मुखिया से मीटिंग के बाद देशमुख ने कहा कि मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध कार और मनसुख हिरेन की मौत की जांच एनआईए और एटीएस की ओर से की जा रही है। दोनों एजेंसियां इस मामले की गहनता से जांच कर रही हैं। राज्य सरकार भी एनआईए को सहयोग कर रही है। मैंने मुंबई में इससे जुड़े पूरे घटनाक्रम से शरद पवार को अवगत कराया है। कि इससे पहले मामले की जांच एनआईए को सौंपे जाने पर सूबे के सीएम उद्धव ठाकरे ने ऐतराज जताते हुए कहा था कि इसमें कुछ गड़बड़ी है।
उद्धव ठाकरे ने कहा था कि एटीएस इस मामले की जांच करने में सक्षम है। अब गृह मंत्री का जांच में सहयोग करने की बात करने से साफ है कि महाराष्ट्र सरकार इस मामले में अपने पुलिसकर्मियों के चलते बैकफुट पर है। बता दें कि एनआईए ने एंटीलिया केस की जांच करने वाले अधिकारी सचिन वाझे को अरेस्ट कर लिया है। सचिन वाझे पर मनसुख हिरेन की हत्या में शामिल होने का संदेह है। यही नहीं सचिन वाझे के घर पर छापेमारी में भी कई लग्जरी कारों समेत कई ऐसे सबूत मिले हैं, जो संदेह को बल देते हैं। एनआईए के बाद अब एटीएस ने भी सचिन वाझे को जांच के लिए कुछ दिनों के लिए हिरासत में लेने की बात कही है। जल्दी ही एजेंसी की ओर से इस मांग के लिए कोर्ट का रुख किया जा सकता है।
बीजेपी ने की राष्ट्रपति शासन की मांग: इस बीच बीजेपी नेता नारायण राणे ने इस मामले को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे के इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा है कि राज्य में अधिकारी ही सरकार चला रहे हैं। ऐसे में कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की जरूरत है। गौरतलब है कि इस मसले पर सरकार के बीच भी मतभेद उभरने की बातें सामने आई थीं और शिवेसना, एनसीपी, कांग्रेस के नेताओं की मीटिंग भी सीएम उद्धव ने बुलाई थी।