यूपी के आगरा में दिल को दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां शौचालय के लिए खोदे गए गड्डे में खेलते समय बच्चे गिर गए। बचाने के दौरान एक युवक भी कूद गया। गड्ढे में जहरीरी गैस बनने के कारण पांच की मौत हो गई। आगरा में एक साथ पांच लोगों की मौत की खबर सुनकर हड़कंप मच गया। परिवार में भी कोहराम मचा हुआ है।
फतेहाबाद कस्बे के गांव परतापुरा में मंगलवार की शाम दर्दनाक हादसे में सुरेंद्र शर्मा के बेटे हरिमोहन (17), आदित्य (15), अविनाश (13), भतीजे सोनू शर्मा (30) और पड़ोसी योगेश बघेल (17) की मौत हो गई। मौत का कारण शौचालय के सेप्टिक टैंक (सोखता) से जहरीली गैस का रिसाव बना। एक को बचाने के चक्कर में आठ फुट गहरा गड्ढा तीन सगे भाइयों सहित पांच युवाओं की कब्र बन गया। हादसे से गांव में चीत्कार मच गया। सभी शवों का रात में ही पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
हादसा शाम करीब साढ़े चार बजे का है। सुरेंद्र शर्मा के घर के दरवाजे पर शौचालय का सेप्टिक टैंक (सोखता) बना हुआ है। वह पूरा भर गया था। उससे चंद कदम की दूरी पर नए टैंक के निर्माण के लिए गड्ढा खोदा गया था। आठ फीट गहरा यह गड्ढा दो दिन पहले खुदा था। खेत पर काम के चलते चिनाई नहीं कराई गई थी। इस गड्ढे में पुराने टैंक से पानी रिसकर आने लगा। पानी रोकने के लिए अविनाश गड्ढे में उतरा। गड्ढे में करीब एक फुट पानी था। पुराने टैंक से गैस का रिसाव हुआ। अविनाश अंदर ही गिर पड़ा। उसे बचाने के लिए आदित्य गड्ढे में उतरा। वह भी बेहोश हो गया। चीखपुकार मच गई। दोनों भाइयों को बचाने के लिए हरिमोहन उतरा। वह भी बेहोश हो गया।
तीन भाइयों समेत पांच लोग बेहोश
हादसे के बाद हल्ला मचने पर पड़ोस में रहने वाला सुरेंद्र के भाई रामसेवक का बेटा सोनू शर्मा नीचे उतरा। वह भी अंदर फंस गया। यह देख पड़ोसी योगेश बघेल आया। जहरीली गैस ने उसे भी चपेट में ले लिया। एक गड्ढे में तीन भाइयों समेत पांच युवक बेहोश पड़े थे। गांव में चीखपुकार मच गई। ज्यादातर पुरुष खेतों पर काम कर रहे थे। परिवार की महिलाओं के फोन पहुंचे तो दौड़कर गांव में आए। एक और ग्रामीण को नीचे उतारने का प्रयास किया गया। उसे भी चक्कर आने लगे। यह देख गांव के उमाशंकर ने गड्ढे में रस्सी से पहले बाल्टी डाली। उन्होंने सुन रखा था कि ऐसा करने से गैस की परत टूट जाती है। इसके बाद सोनू शर्मा के भाई मोनू शर्मा को कमर में रस्सी बांधकर नीचे उतारा गया। उसने एक-एक करके पांचों को बाहर निकाला। सभी को पास के अस्पताल ले जाया गया। लेकिन वहां से सभी को एसएन मेडिकल कॉलेज भेज दिया। जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। सूचना पर एडीजी जोन राजीव कृष्ण, डीएम प्रभु नारायण सिंह, एसएसपी बबलू कुमार, एसपी देहात पूर्वी अशोक वैंकट इमरजेंसी आ गए। शवों को पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया।