गांव परतापुरा में बुधवार की सुबह यमुना किनारे एक साथ पांच चिताएं जलीं। पांच मौतों से हर किसी की आंखें नम थीं। तीन बेटों की मौत से सुरेंद्र शर्मा और उनकी पत्नी की रोते-रोते कई बार हालत बिगड़ी। उन दोनों को कुछ न हो जाए इस पर नजर रखने के लिए डॉक्टरों की एक टीम लगाई गई थी। मंगलवार को सेप्टिक टैंक की जहरीली गैस ने तीन सगे भाइयों सहित पांच लोगों को लील लिया था। रात में ही पांचों शवों के पोस्टमार्टम कराए गए। हादसे के बाद से गांव में चीत्कार मचा हुआ था। रातभर गांव में कोई नहीं सोया।
किसी के घर चूल्हा नहीं जला। रात करीब ढाई बजे पांच शव एक साथ जब गांव में पहुंचे तो चीत्कार मच गया। एक-एक पल भारी पड़ रहा था। पुलिस गांव में तैनात थी। पौ फटने में कुछ ही देर बची थी। यह समय काटे नहीं कट रहा था। हर किसी को यही चिंता सता रही थी कि लड़कों के घरवालों को कुछ नहीं हो जाए। रोते-रोते उनकी आंखें सूज चुकी थीं। बुधवार की सुबह करीब आठ बजे जनेश्वर घाट पर पांचों शवों को ले जाया गया। पांच चिताएं बनाई गईं। एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। क्षेत्रीय विधायक जितेंद्र वर्मा सुबह ही गांव पहुंच गए थे। पीड़ित परिवारों से मिले। उन्हें हिम्मत दी।
डॉक्टरों का पैनल मौजूद रहा
करुण कंद्रन के कारण मां राधा देवी का स्वास्थ्य बार-बार बिगड़ रहा था। डॉक्टरों का एक पैनल मौजूद रहा जो राधा देवी की तबियत पर नजर बनाए हुए था। मां को विश्वास नहीं हो रहा है कि जहां कल तक उसके आंगन में तीनों बच्चे खेलते थे आज कोई उसकी आवाज पर पानी देने वाला भी नहीं बचा।
वह बार-बार दहाड़े मारकर रोने लगती थीं। पिता सुरेंद्र शर्मा की भी कुछ ऐसी ही हालत थी। हादसे में सोनू शर्मा और योगेश बघेल की भी मौत हुई है। वे दोनों तीनों भाइयों को बचाने पहुंचे थे। उनके परिजनों का भी ऐसा ही हाल था। फूट-फूटकर रो रहे थे।
ये हुई थी घटना
गांव परतापुरा में सुरेंद्र शर्मा के घर शौचालय का सेप्टिक टैंक भर गया था। दूसरा टैंक बनाने के लिए रविवार को उसके पास ही आठ फुट गहरा गड्ढा खोदा गया था। अभी उसमें चिनाई नहीं हुई थी। पहले टैंक से पानी रिसकर नए गड्ढे में आने लगा था। इसे बंद करने के लिए सुरेंद्र शर्मा का छोटा बेटा 12 वर्षीय अनुराग गड्ढे में उतरा था। गड्ढे में करीब एक फुट पानी भर गया था। पानी के साथ जहरीली गैस का भी रिसाव हुआ था। वह अंदर ही गिर पड़ा था। उसे बचाने के लिए हरिमोहन और उसके भाई अविनाश नीचे उतरे थे। तीनों भाई अंदर ही बेहोश हो गए थे। चीख पुकार मचने पर चचेरा भाई सोनू शर्मा अंदर उतरा था। वह भी अंदर ही गिर पड़ा था। यह देख पड़ोसी योगेश बघेल अंदर गया था। वह भी बेहोश हो गया था। इन पांचों को बाद में रस्सा डाटकर मोनू शर्मा ने बाहर निकाला था। पांचों की मौत हो गई थी।
दम घुटने से हुई पांचों की मौत
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पांचों की मौत की वजह दम घुटना आया है। आशंका सही थी। सेप्टिक टैंक से मीथेन गैस का रिसाव हुआ था। उसी ने तीन सगे भाइयों सहित पांच युवाओं की जान ले ली।