देशभर में एक बार फिर से तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर हवाई यात्रा के दौरान मास्क नहीं पहनना अब आपको भारी पड़ सकता है। यूं कहें तो आप यात्रा से भी वंचित होने के साथ-साथ अनियंत्रित यात्री का तगमा अलग दिया जाएगा। जी हां, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि चेतवानी दिए जाने के बाद भी सही से मास्क नहीं पहनने वाले यात्रियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
जस्टिस नवीन चावला और सी. हरि.शंकर की बेंच के समक्ष डीजीसीए ने यह भी कहा कि चेतावनी के बाद भी सही से मास्क नहीं पहनने वाले यात्रियों को उड़ान भरने से पहले विमान से उतार दिया जाएगा, यानी उन्हें यात्रा नहीं करने दी जाएगी। डीजीसीए ने बेंच को बताया कि ऐसे यात्रियों को अनरूली पैसेंसजर यानी अनियंत्रित यात्री माना जाएगा। बेंच ने डीजीसीए द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर संतोष जताते हुए कहा कि उम्मीद है कि कोरोना संक्रमण से यात्रियों की सुरक्षा के लिए इसी भावना और लगन से कार्रवाई जारी रहेगी।
बेंच ने कहा कि पहले वह स्वत: संज्ञान लेकर शुरू किए गए इस मामले को आगे भी जारी रखने के पक्ष में थे ताकि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर दिशा-निर्देशों के पालन की निगरानी हो सके। बेंच ने कहा कि हालांकि डीजीसीए द्वारा सक्रियता से उठाए जा रहे कदमों के मद्देनजर वह (अदालत) अब इस मामले को बंद करने का फैसला किया। बेंच ने कहा है कि नियमों की अनदेखी करने वाले यात्रियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई शुरू करना एक स्वागत योग्य कदम है।
जस्टिस हरि.शंकर ने 8 मार्च को हवाई अड्डे से विमान तक जाने के दौरान ठीक से मास्क नहीं पहनने और यात्रियों द्वारा मास्क नहीं पहनने के लिए उनकी जिद्दी अनिच्छा को लेकर संज्ञान लिया था। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने डीजीसीए और अन्य सभी एयरलाइनों को तत्काल कोरोसा संक्रमण से बचाव के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। जस्टिस हरि. शंकर ने 5 मार्च को कोलकाता से दिल्ली हवाई यात्रा के दौरान खुद इस बात का अनुभव किया था कि लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं या ठीक से नहीं पहन रहे हैं।
डीजीसीए की ओर से सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने बेंच को बताया कि 13 मार्च को सर्कुलर जारी किया गया है। शर्मा ने बेंच को बताया कि इसके तहत विमान में, यदि कोई यात्री बार-बार चेतावनी देने के बाद भी ठीक से मास्क पहनने के निर्देश का पालन नहीं करता है, तो उसे प्रस्थान से पहले जरूरत पड़ने पर डी-बोर्ड किया जाना चाहिए यानी विमान से उतार दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विमान में यदि बार-बार निर्देश के बाद भी मास्क पहनने से इनकार करता है या बार-बार चेतावनी के बाद भी कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करता है तो ऐसे यात्री को अनियंत्रित यात्री के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।
बेंच को बताया कि 16 मार्च को जम्मू से दिल्ली विमान यात्रा के दौरान 4 यात्रियों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने पर अनियंत्रित यात्री के रूप में परिभाषित किया गया। चारों यात्री चेतावनी दिए जाने के बाद भी मास्क नहीं पहन रहे थे। बेंच को बताया गया कि इन यात्रियों को सुरक्षा अधिकारियों के हवाले कर दिया गया। डीजीसीए ने कहा कि विमानों में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन हो रहा है या नहीं, इसकी औचक निरीक्षण करने का भी फैसला किया गया है।