चीन की राजधानी बीजिंग में दशक का सबसे भयानक धूल की आंधी ( सैंडस्टॉर्म) आई। सोमवार को आए इस तूफान से बीजिंग पीले रंग की धूल की चादर में ढक गया। कई इलाकों में तो इतनी ज्यादा धूल रही कि सड़कों पर वाहनों की हेडलाइटें जलाकर चलना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक धूल भरी आंधी आने के बाद से मंगोलिया और आसपास के इलाकों में 341 लोग लापता हो गए हैं।
तेज हवा और कम दिखाई देने के कारण सैकड़ों हवाई यात्राएं रद्द करनी पड़ीं। बीजिंग के दो महत्वपूर्ण हवाई अड्डों पर करीब 400 से ज्यादा हवाई यात्राओं को रद्द किया गया। चीन ने बीते दस सालों में ऐसा तूफान नहीं देखा था। इसके कारण लोगों को दिन में भी अपने घरों की लाइट्स जलानी पड़ीं। सड़कों पर वाहन लेकर निकले लोगों को भी देखने में परेशानी हुई। पूरे शहर में घने पीले और भूरे रंग की धूल भरी आंधी आई। इसके कारण विजिविटी एकदम कम हो गई। लोगों को अपने पास की चीजें देखने के लिए भी संघर्ष करना पड़ा। गौरतलब है कि यह धूल भरी आंधी मंगोलिया के पठारों से उड़ी धूल की वजह से आई है।
येलो अलर्ट जारी: सैंडस्टॉर्म के कारण चीन के मेट्रोलॉजिकल एडमिनिस्ट्रेशन ने सोमवार को बीजिंग और आसपास के इलाके में येलो अलर्ट जारी कर दिया। यह सैंडस्टॉर्म (धूल की आंधी) मंगोलिया से शुरू होकर गांसू, शांसी और हेबेई प्रांत तक फैली थी और यह सभी प्रांत राजधानी बीजिंग से सटे हैं।
एक्यूआई 500 तक पहुंचा: धूल भरी आंधी के कारण बीजिंग का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) बहुत बढ़ गया। कुछ जगहों पर एक्यूआई 1000 दर्ज किया गया। यह प्रदूषण और स्वास्थ्य के हिसाब से बेहद खतरनाक है। बीजिंग में एक्यूआई अधिकतम स्तर 500 पर पहुंचा। कई इलाकों में पीएम 10 पार्टिकल का स्तर 2000 माइक्रोग्राम्स प्रति क्यूबिक मीटर तक भी दर्ज किया गया
हर वर्ष तूफान से जूझता है बीजिंग: बीजिंग अक्सर मार्च और अप्रैल के महीने में सैंडस्टॉर्म से जूझता है। माना जाता है कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गोबी रेगिस्तान करीब में ही है। इसके अलावा चीन में पेड़ों की कटाई भी बड़े पैमाने पर जारी है, जिससे पर्यावरण बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। रेगिस्तान से उड़ने वाली धूल अक्सर बीजिंग और आसपास के इलाके को घेर लेती है।