सालभर से कोरोना वायरस की वजह से आफत झेल रहे चीन को सोमवार को एक नए तरह के हमले का सामना करना पड़ा। चीन की राजधानी बीजिंग में सुबह-सबह ही पूरा आसमान पीला पड़ गया। जिधर भी लोगों की नजरें जा रही थीं, सबकुछ पीला ही नजर आ रहा था। दरअसल, बीजिंग में आज सुबह रेतीले तूफान ने दस्तक दी थी, जिसकी वजह से हर जगह धूल भरी आंधी ही नजर आ रही थी। इसके अलावा, चीन के पड़ोसी देश मंगोलिया में भी रेतीला तूफान आया था। इसकी चपेट में आने की वजह से छह लोगों की मौत हो गई और 80 लोग लापता हो गए।
चीन की राजधानी बीजिंग में आए तूफान का सीधा असर फ्लाइट्स पर पड़ा। रेतीले तूफान की वजह से 400 फ्लाइट्स को कैंसिल कर दिया गया। यह इस दशक का सबसे भयंकर तूफान बताया जा रहा है। राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि रेत और धूल के कारण उत्तर-पश्चिम में शिनजियांग से लेकर उत्तर-पूर्व में हेइलोंगजियांग और तियानजिन के पूर्वी तटीय बंदरगाह शहर तक 12 प्रांत और क्षेत्र प्रभावित होंगे। केंद्र ने अपनी वेबसाइट पर एक पोस्ट में कहा, “यह सबसे गहन रेतीला तूफान है, जिसे हमारे देश ने 10 वर्षों में पहली बार देखा है, साथ ही साथ यह व्यापक क्षेत्र को कवर करता है।”
बीजिंग का अधिकारिक एयर क्वालिटी इंडक्स रेतीले तूफान की वजह से 500 के स्तर पर पहुंच गया। कुछ जिलों में पीएम10 के रूप में पहचाने जाने वाले पार्टिकल्स 2,000 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गए। हालांकि, चीन के मौसम विभाग ने इस बात की जानकारी दी थी। मौसम विभाग प्रशासन ने सोमवार सुबह एक पीले अलर्ट की घोषणा करते हुए कहा कि यह सैंडस्टॉर्म इनर मंगोलिया से गांसु, शांक्सी और हेबै के प्रांतों में फैल जाएंगे।चीन के पड़ोसी देश मंगोलिया में भी डस्ट स्टोर्म ने खूब आतंक मचाया। इसकी वजह से एक बच्चे समेत छह लोगों की मौत हो गई। देश के इमरजेंसी मैनेजमेंट डिपार्टमेंट ने एक बयान में बताया कि विभाग को 548 लोगों के नौ प्रांत से लापता होने की जानकारी मिली। ये सभी लोग शनिवार रात से लेकर सोमवार सुबह तक के बीच में गायब हुए थे। हालांकि, इनमें से कई लोगों को बचा भी लिया गया, लेकिन कई अभी भी गायब हैं और उन्हें ढूंढने का अभियान चल रहा है। स्थानीय मीडिया ने बताया है कि इस डस्ट स्टोर्म की वजह से बड़े स्तर पर बिजली गुल होने की भी घटनाएं सामने आई हैं।