राजस्थान सरकार ने रेयर ऑफ द रेयरेस्ट केस में राजस्थान पुलिस सेवा (आरपीएस) के अधिकारी कैलाश बोहरा को नौकरी से हटाने की प्रकिया शुरू कर दी है। बोहरा पर आरोप है कि उन्होंने एक रेप पीड़िता से मदद के बदले सेक्स की मांग की थी। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बोहरा को रविवार को गिरफ्तार किया था।
सरकार ने बोहरा द्वारा जांच किए गए सात मामलों में एक नया जांच अधिकारी भी नियुक्त किया है। आरोपी अधिकारी द्वारा पूर्व में जांच किए गए मामलों की फिर से जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी निष्पक्ष जांच की गई थी या नहीं।
बोहरा 1996 बैच के सब-इंस्पेक्टर हैं। दो साल पहले उन्हें पुलिस उपाधीक्षक के पद पर पदोन्नत किया गया था। बीते 1.5 साल से वह जयपुर शहर में एसीपी के रूप में तैनात थे।
राज्य विधानसभा में संसदीय मामलों के मंत्री शांति धारीवाल ने मामले को ‘दुर्लभतम’ करार देते हुए कहा कि यह न केवल पुलिस की प्रतिष्ठा पर बल्कि सरकार और पूरी व्यवस्था पर एक धब्बा है। धारीवाल ने सदन को बताया कि बोहरा को शुरू में निलंबित कर दिया गया था, लेकिन अब उन्हें राजस्थान सिविल सेवा नियम 1958 के तहत हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने मामले को कार्य स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से उठाया और कहा कि यह एक शर्मनाक घटना है। उन्होंने सदन में कहा. “आरोपी अधिकारी एक मामले में सीबीआई जांच का सामना कर रहा था और उसके बावजूद उसे महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए विशेष जांच इकाई में पोस्टिंग दी गई थी।” भाजपा नेता ने कहा कि ऐसे अधिकारियों को सेवा से हटा दिया जाना चाहिए और पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए, जिससे सरकार मामले में अनुकरणीय कदम उठाए।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की। कटारिया ने कहा, “अगर सदन में चर्चा के बावजूद उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो जनता हमें माफ नहीं करेगी। लोगों को आश्वासन मिलना चाहिए।” स्पीकर सी. पी. जोशी ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल से पूछा कि क्या उन्हें इस मुद्दे पर कुछ कहना है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, धारीवाल ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का फैसला था कि मंत्री स्थगन प्रस्ताव का जवाब नहीं देंगे। अध्यक्ष ने एक निर्णय दिया कि मंत्री बाद में इस मुद्दे पर सदन में वक्तव्य देंगे।
डीसीपी ईस्ट कार्यालय में बोहरा, जो सहायक पुलिस आयुक्त (महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए विशेष जांच इकाई) के पद पर तैनात थे, को रविवार को एसीबी टीम ने गिरफ्तार किया था। धारीवाल ने कहा कि बोहरा ने पहले महिला से पैसे की मांग की, जिसने बलात्कार सहित एक के बाद एक तीन शिकायतें दर्ज कीं। पैसे देने में असमर्थता व्यक्त करने के बाद उससे यौन शोषण की मांग करने लगा।