पश्चिम बंगाल चुनाव में बीजेपी ने अपना पूरा जोर लगा रखा है। पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह समेत तमाम केंद्रीय मंत्री अकसर पश्चिम बंगाल के दौरे पर रहते हैं। हालांकि एक शख्स ऐसा भी है, जो बीते कई सालों से चुपचाप ही सूबे में बीजेपी की जमीन को मजबूत करने में लगा है। यह हैं आरएसएस में दशकों तक प्रचारक रहे शिव प्रकाश, जो अब बीजेपी में राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री के तौर पर कामकाज संभाल रहे हैं। बीते साल दिसंबर में ही बीजेपी चीफ जेपी नड्डा ने उन्हें अपना मुख्यालय दिल्ली से हटाने को कहा था और महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों पर फोकस करने को कहा था। हालांकि प्रैक्टिकली वह बंगाल पर ही ज्यादा फोकस कर रहे हैं। बीजेपी में संगठन मंत्री आमतौर पर चर्चा से परे ही रहते हैं और उसी परंपरा को निभाते हुए शिव प्रकाश भी पर्दे के पीछे रहकर काम कर रहे हैं।
आरएसएस की ओर से 2014 में आम चुनावों के बाद उन्हें पार्टी में भेजा गया था। तब से वह ज्यादातर समय पश्चिम बंगाल में ही गुजार रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए शिव प्रकाश ने कहा कि बीजेपी में आने के बाद से मैंने अपना ज्यादातर समय पश्चिम बंगाल में ही गुजारा है। यूपी के रहने वाले शिव प्रकाश ने पश्चिम बंगाल की राजनीतिक नब्ज को समझने के लिए बांग्ला भी सीख ली है। पश्चिम बंगाल की लगभग हर सीट का आंकड़ा अब उनकी उंगलियों पर है। मुरादाबाद के रहने वाले शिव प्रकाश 1986 में आरएसएस के प्रचारक बने थे। इसके बाद उनका ज्यादातर वक्त पश्चिम यूपी और उत्तराखंड में ही गुजरा था। वह पश्चिम यूपी में प्रांत प्रचारक रहने के बाद वेस्ट और यूपी उत्तराखंड के क्षेत्र प्रचारक भी रहे थे।
इसके बाद 2014 में बीजेपी में एंट्री की थी। पार्टी में आने के बाद उन्हें सबसे पहले ओडिशा की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके बाद उन्हें पश्चिम बंगाल भेजने का फैसला लिया गया। यही नहीं कुछ महीनों के बाद उन्हें पश्चिम बंगाल का संगठन प्रभारी ही बना दिया गया। एक तरफ पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पब्लिक फेस के तौर पर काम करते हैं तो दूसरी तरफ जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने का काम शिव प्रकाश संभाल रहे हैं। उनके अलावा एबीवीपी से आए अरविंद मेनन भी यहां जुटे हैं, जो पार्टी के राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
बूथ लेवल तक पार्टी को किया है मजबूत: शिव प्रकाश ने पश्चिम बंगाल में 2015 में आने के बाद से बूथ लेवल तक पार्टी को ले जाने का काम किया है। उन्होंने 78,000 बूथों में से ज्यादातर में पार्टी की कमिटियों का गठन किया है। शायद यही वजह है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को प्रदेश के बड़े इलाके में जीत हासिल हुई थी और 18 सीटें मिली थीं। शिव प्रकाश बताते हैं कि लोकसभा चुनावों की तरह ही इस बार भी हमने हर विधानसभा सीट में विस्तारक तय किए हैं। शुरुआत में यहां लोग बीजेपी से जुड़ने में हिचक रहे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। हमारे पास अब यहां लोगों की कोई कमी नहीं है।