12 कॉलेजों में वेतन रुकने का मुद्दा अब गरमा गया है। इस मुद्दे पर डीयू के शिक्षक व दिल्ली सरकार आमने सामने है। आज से डीयू के शिक्षक संघ ने हड़ताल और डीयू बंद का आह्वान किया है। इस दौरान कक्षाएं ऑनलाइन भी नहीं चलाने का आह्वान किया गया है। डीयू शिक्षक संघ कार्यकारिणी की बैठक ने मंगलवार को इस बाबत निर्णय लिया है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी के शिक्षक संघ अध्यक्ष राजीब रे ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी इस बारे में पत्र लिखा है और इस मामले को लेकर बैठक करने की अपील की है। उन्होंने लिखा कि सरकार डीयू से संबद्ध 12 कॉलेजों का अनुदान नहीं देने पर अड़ी हुई है। कर्मचारियों को 4-6 महीनों से अधिक समय से वेतन नहीं मिला है, जिससे वे हताश-निराश हैं। शिक्षक संघ विगत एक वर्ष से कर्मचारियों की तनख्वाह और पेंशन, मेडिकल बिल और कर्मचारियों के अन्य बकाया भुगतानों को जारी करने के लिए लिख रहा है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार के कार्यों ने कर्मचारियों की आजीविका के मूल अधिकार पर प्रहार किया है।
डूटा ने यह भी लिखा है कि दिल्ली सरकार द्वारा एकतरफा रूप से सांविधिक प्रावधानों के उल्लंघन में अंबेडकर यूनिवर्सिटी, दिल्ली के साथ कॉलेज ऑफ आर्ट के विलय की घोषणा भी स्वीकार्य नहीं है। हमें उम्मीद है कि आप स्थिति की गंभीरता के लिए पर्याप्त रूप से जवाब देंगे और तत्काल अनुदान जारी करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।
डूटा के उपाध्यक्ष आलोक रंजन पांडेय ने बताया कि डूटा कार्यकारिणी की बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि 11 मार्च से यूनिवर्सिटी पूरी तरह से बंद रहेगा। वेतन नहीं मिलने से न केवल शिक्षक बल्कि वहां के कर्मचारी को भूख से मरने की स्थिति आ गई है। ऐसी अमानवीयता सहनीय नहीं है। शिक्षक अपनी मांग को लेकर हम 15 मार्च को इसी के तहत दिल्ली यूनिवर्सिटी के गेट नंबर एक से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास तक पैदल मार्च, 18 मार्च को दिल्ली यूनिवर्सिटी के गेट नंबर एक से दिल्ली के उपराज्यपाल के ऑफिस तक पैदल मार्च करेंगे।