13 साल पुराने बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट सोमवार को एक कथित आतंकी आजिज खान को लेकर फैसला सुना सकती है। इस आरोपी की गिरफ्तारी वर्ष 2018 में हुई थी। दिल्ली पुलिस की स्पेश्ल सेल ने आरिज को बाटला हाउस एनकाउंटर के एक दशक बाद गिरफ्तार किया था। आरिज पर आरोप है कि मौका-ए-वारदात वाले दिन वह वहां से फरार हो गया था।
पुलिस का आरोप है कि जिस समय पुलिस व आतकियों में मुठभेड़ हुई आरिज वहां मौजूद था। लेकिन वह मौके से भागने में सफलरहा था। साकेत स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव की अदालत इस मामले में फैसला सुना सकती है। अदालत ने मामले की पिछली सुनवाई पर आरोपी प्रोडक्शन वारंट पर 8 मार्च को अदालत में पेश करने को कहा था। अदालत ने कहा कि फैसले के समय आरोपी का अदालत कक्ष में रहना अनिवार्य है। इस मामले में सरकार की तरफ से लोक अभियोजन अंसारी एवं बचाव पक्ष की तरफ से अधिवक्ता एम एस खान मौजूद रहेंगे।
पुलिस का आरोप है कि दिल्ली में 13 सितंबर 2008 को पांच जगह बम धमाके हुए। इनमें 30 लोगों की जान गई व कई सारे लोग जख्मी हुए। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस की स्पेशल सेल को सूचना मिली कि जामिया के बाटला इलाके में कुछ आतंकी छिपे हैं। पुलिसबल मौके पर पहुंचा। उस समय बाटला हाउस के उस फ्लैट में आरिज खान उर्फ जुनैद के साथ चार और लोग फ्लैट में मौजूद थे। वहां पुलिस वे आतंकियों मे मुठभेड़ हुई। दो आतंकी मौके पर मारे गए। जबकि तीन वहां से भागने में सफल रहे। इन्हीं में से एक था आरिज खान। जबकि दो अन्य आरोपी मोहम्मइद सैफ एवं जिशान गिरफ्तार कर लिए गए।
इस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के होंनहार इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा आतंकियों की गोलियों का निशाना बने और शहीद हो गए। इस मामले में वर्ष 2013 में अदालत ने इंडियान मुजाहिदीन के आतंकी शहजाद अहमद को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। शहजाद की सजा के खिलाफ अपील हाईकोर्ट में लंबित है।