वाराणसी के फूलपुर में स्थित बलदेव डिग्री कालेज में एक छात्रा को कमरे में बंद कर जबरदस्ती की कोशिश की गई। छात्रा के विरोध करने और शोरगुल पर जुटे टीचरों ने उसी पर आरोप लगाना शुरू कर दिया तो इससे क्षुब्ध होकर छात्रा ट्रेन के सामने कूद गई। ट्रेन की गति धीमी होने के कारण धक्का लगने के बाद वह दूर छटक गई। आसपास के लोगों ने तत्काल उसे स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। यहां से मंडलीय अस्पताल रेफर कर दिया गया।
बड़ागांव थाना क्षेत्र के एक गांव की किशोरी पिंडरा के बलदेव डिग्री कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा है। कुछ सहेलियों से मिलने की बात तय होने के बाद रविवार की दोपहर वह कॉलेज पहुंची थी। सहेलियों को खोजने के दौरान कालेज में घुसे तीन चार लड़कों ने छात्रा को एक कमरे में खींच लिया और दरवाजा बंद कर दिया। छात्रा ने कमरे से भागने की कोशिश। उसकी चीख सुनकर कॉलेज में मौजूद टीचर पहुंच गए। इसी दौरान लड़के भाग निकले।
बताया जाता है कि छात्रा ने जब आपबीती सुनाई तो टीचरों ने उसी पर आरोप लगाना शुरू कर दिया। उसके घर वालों को बुलाकर शिकायत की बात करने लगे। छात्रा लगातार बताती रही कि वह लड़कों को पहचानती भी नहीं है, उसका हाथ जबरदस्ती पकड़ कर खींचा गया। लेकिन टीचरों ने उसकी नहीं सुनी। उसका आईकार्ड जब्त कर परिवार वालों को बुलाने की बात कही गई।
इससे क्षुब्ध होकर छात्रा बाबतपुर रेलवे स्टेशन के दक्षिणी छोर पर सामने से आ रही एक्सप्रेस ट्रेन के सामने कूद गई। संयोग से ट्रेन की स्पीड धीमी होने से उसे केवल झटका लगा और दूर जा गिरी। इससे उसके सिर व हाथ पैर में चोटें आईं। घटनास्थल से थोड़ी ही दूर पर बाइक से जा रहे दरोगा रूपेश सिंह ने आसपास के लोगों की मदद से उसे पिंडरा स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार के साथ मंडलीय अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।