दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष तिहाड़ जेल प्रशासन द्वारा एक कैदी की जेल परिसर में हत्या के मामले में जवाब दाखिल किया गया है। प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि मृतक कैदी पर तीन अन्य विचाराधीन कैदियों ने बीते साल एक घातक हथियार से हमला किया था। तिहाड़ जेल प्रशासन ने उच्च न्यायालय में रिपोर्ट दाखिल करते हुए कहा है कि 30 नवंबर की सुबह जब सारे बैरक को खोला गया, जेल में ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने जेल के वार्ड नम्बर 9 में शोर सुना तभी सुरक्षाकर्मी वार्ड की तरफ दौड़े। मौके पर उन्होंने देखा कि विचाराधीन कैदी को एक अन्य कैदियों ने दबोचा हुआ है। जबकि दो और कैदी खुद बनाए एक घातक हथियार से हमला कर रहे हैं।
सुरक्षाकर्मियों ने इनके बीच बीच-बचाव कराया। हालांकि इस दौरान कई कैदी गंभीर रुप से जख्मी हो गए थे। साथ सुरक्षाकर्मियों ने हथियार भी अपने कब्जे में ले लिया। दिलशेर नामक कैदी को तत्काल जेल स्थित अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसे सुबह 7 बजकर 25 मिनट पर मृत घोषित कर दिया गया। दरअसल मृतक कैदी के पिता की तरफ से दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर जेल प्रशासन ने यह जवाब दाखिल किया है। इस याचिका में मृतक के पिता ने बेटे की मौत के एवज मे मुआवजे की मांग की है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार व तिहाड़ जेल प्रशासन को कहा है कि सुरक्षा में खामी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के बाबत जवाब दें। साथ ही अदालत ने इस मामले की सुनवाई को 22 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया है। दिल्ली सरकार की तरफ के अधिवक्ता संजय घोष ने पीठ को बताया कि घटना को लेकर सामने आए सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को जांच एजेंसी के सुपुर्द कर दिया गया है। साथ ही इस घटना को लेकर सुनवाई अदालत में आरोपपत्र भी दाखिल किया जा चुका है।
मृतक के पिता द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि 30 नवंबर 2020 को उनके पास जेल प्रशासन की तरफ से फोन आया कि उनके बेटे की अचानक मौत हो गई है। लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि उनके बेटे की हत्या की गई है। उनका कहना है कि इस मामले में न्यायिक जांच बैठाई गई थी। लेकिन अभी तक यह जांच बढ़ी ही नहीं है। मृतक के पिता तक को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया है। मृतक के पिता का कहना है कि देश की सबसे अग्रणी जेल मानी जाने वाली तिहाड़ जेल में यह घटना चौकाने वाली है। इसलिए वह जेल प्रशासन से पांच करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग कर रहे हैं।