सुबह-सुबह नर्म घास पर चलने के अलावा मिट्टी और रेत पर भी चलना चाहिए। सुबह-शाम करीब 15-20 मिनट तक घास पर नंगे पांव पर चलने से हर तरह से फायदा होता है। हेल्थ के लिहाज से घास पर चलने के कई लाभ हैं। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें, तो इससे आंखों की रोशनी तो इंप्रूव होती ही है साथ ही इससे तनाव भी कम होता है। यहां पढ़ें सुबह-सुबह घास पर नंगे पांव चलने के ये फायदे
आंखों की रोशनी
सुबह-सुबह जब घास पर नंगे पैर चलते हैं तो हमारी बॉडी का पूरा प्रेशर पैरों के अंगूठों पर होता है। इन प्वाइंट्स की मदद से आंखों की रोशनी इंप्रूव होती है। इसके अलावा हरे रंग की घास देखने से आंखों को राहत भी मिलती है।
एलर्जी का इलाज
ग्रीन थेरेपी का मुख्य अंग है हरी-भरी घास पर नंगे पैर चलना या बैठना। सुबह-सुबह ओस में भीगी घास पर चलना बहुत बेहतर माना जाता है। जो पांवों के नीचे की कोमल कोशिकाओं से जुड़ी तंत्रिकाओं द्वारा मस्तिष्क तक राहत पहुंचाता है।
पैरों की एक्सरसाइज होती है
पैरों की होती है एक्सरसाइज सुबह-सुबह नंगे पैर घास पर चलने से पैरों की अच्छी एक्सरसाइज होती है। इससे पैरों के मांसपेशियों तलवो और घुटनों को रिलेक्स मिलता है।
तनाव से मिलता है आराम
सुबह-सुबह नंगे पैर घास पर चलने से दिमाग शांत रहता है। सुबह ताजा हवा, सूरज की रोशनी, हरियाली दिमाग को तरोताजा कर देती है। इस वातावरण में रहने से आप काफी रिलेक्स और डिप्रेशन से दूर रहते हैं।
मधुमेह रोगियों के लिए खास
मधुमेह रोगियों के लिए हरियाली के बीच बैठना, टहलना और उसे देखना बहुत अच्छा माना जाता है। ऐसे लोगों में कोई भी घाव आसानी से नहीं भरता, परंतु मधुमेह रोगी यदि हरियाली के बीच रह कर नियमित गहरी सांस लेते हुए टहले तो शरीर में ऑक्सीजन की पूर्ति होने से समस्या से निजात पाया जा सकता है।