मुम्बई की तर्ज पर अब दिल्ली में भी 30 साल से अधिक पुराने मकानों का फिटनेस सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होगा। दिल्ली सरकार ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है और जल्द ही इसे लागू किया जाएगा। सरकार ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में राजधानी के मकानों की भूकंपीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए तैयार अपना ऐक्शन प्लान पेश करते हुए यह जानकारी दी है।
चीफ जस्टिस डी.एन. पटेल और जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच के समक्ष दिल्ली सरकार ने कहा कि ऐक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है। सरकार ने कहा है कि इसके तहत राजधानी की सभी सरकारी और निजी इमारतों का चरणबद्ध तरीके से संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट किया जाएगा। बेंच को बताया गया कि पहले चरण में ऑडिट में मॉनसून से पहले सर्वे के दौरान असुरक्षित पाए गए अस्पतालों, संस्थागत भवनों, स्कूलों और कॉलेजों सहित अन्य इमारतों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी और सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी।
बेंच के समक्ष वकील अर्पित भार्गव की ओर से दाखिल जनहित याचिका के जवाब में सरकार ने यह ऐक्शन प्लान पेश किया है। दिल्ली सरकार शहरी विभाग के उपनिदेशक विनोद कुमार ने यह ऐक्शन प्लान पेश किया है। उन्होंने कहा है कि 19 जून, 2020 से 18 फरवरी, 2021 के बीच मुख्य सचिव की अगुवाई में इस बारे में कई बैठकें आयोजित की गईं और यह तय किया गया कि सार्वजनिक उपयोग के साथ उच्च जोखिम में आने वाले निजी भवनों के संरचनात्मक सुरक्षा लेखा परीक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। इनमें सभी निजी अस्पतालों, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मॉल, स्कूल, कॉलेज और सिनेमा हॉल आदि शामिल है। भार्गव ने याचिका में कहा है कि राजधानी के इमारतों की भूकंपीय स्थिरता काफी खराब है और बड़े भूकंप की स्थिति में बड़ी संख्या में जान-माल का नुकसान हो सकता है। अब इस मामले की सुनवाई 13 अप्रैल को होगी।
सुरक्षा ऑडिट कराकर पेश करनी होगी रिपोर्ट
हाईकोर्ट में पेश रिपोर्ट के अनुसार, निजी इमारतों के मालिकों को अपने मकान का संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट (Structural Safety Audit) खुद करवाने के लिए कहा जाएगा और संबंधित नगर निगम में रिपोर्ट पेश करनी होगी। सुरक्षा ऑडिट में यदि मकान के संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट में किसी तरह की कमी होने पर संपत्ति मालिक को तय मानक दिशानिर्देशों के अनुसार, इमारतों के भूकंपीय प्रतिरोध को अपग्रेड करने का आदेश दिया जाएगा।
दूसरे चरण में कम जोखिम वाली इमारतों का होगा ऑडिट
हाईकोर्ट को बताया गया है कि दूसरे चरण में कम जोखिम मैट्रिक्स के तहत आने वाले मकानों, अनाधिकृत, अनाधिकृत-नियमित, गांव आबादी एवं अन्य कॉलोनियों के मकानों का संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट जाएगा।