हर भारतीय परिवार में दाल-रोटी की गिनती पौष्टिक आहार में की जाती है। दाल में मौजूद प्रोटीन की प्रचुरता अच्छी सेहत बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है। दाल का सेवन करने से व्यक्ति को न सिर्फ सभी जरूरी पौष्टिक आहार मिल जाते हैं बल्कि पेट भी जल्दी भर जाता है। बावजूद इसके अगर आप दाल का सेवन गलत समय पर करते हैं, तो यह आपको फायदा पहुंचाने की जगह नुकसान भी पहुंचा सकता है। आइए जानते हैं आयुर्वेद के अनुसार आखिर क्या है दाल खाने का सबसे अच्छा समय और नियम।
आयुर्वेद में क्या है दाल खाने का सही नियम?
व्यक्ति जो भी कुछ खाता है, उसका सीधा असर व्यक्ति के वात, कफ औप पित्त पर पड़ता है। भोजन में परोसी गई हर चीज की तासीर अलग-अलग होती है। आयुर्वेद एक्सपर्ट की मानें तो रात के समय हमेशा हल्का आहार खाना चाहिए। रात को भारी भोजन करने से व्यक्ति के पेट पर बुरा असर पड़ सकता है। दाल का सेवन सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन रात के समय दाल खाने से व्यक्ति को अपच की शिकायत हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार रात को कभी भी अहरहर, तुअर, मटर जैसी दालों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति की पाचन क्रिया पर विपरीत असर पड़ता है।
रात को इन चीजों का सेवन करने से भी करें परहेज-
चीनी-
चीनी का अत्याधिक सेवन आपके इंसुलिन लेवल को बढ़ाकर आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकता है। शक्कर का सेवन रात के समय खासतौर पर ना करें। ऐसा करने से आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है और व्यक्ति को नींद न आने की समस्या होने लगती है।
दही-
रात को दही खाने से बचें। रात को दही खाने से व्यक्ति को सर्दी-जुकाम की समस्या हो सकती है। इसके अलावा दही में नमक डालकर भी इसका सेवन न करें