सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को हरियाणा के एक सरकारी अस्पताल के मेडिकल बोर्ड से यह जांच करने के लिए कहा है कि क्या 14 साल की लड़की के लिए 26 सप्ताह के गर्भ को गिराना सुरक्षित होगा।
भारत के मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने मेडिकल बोर्ड से लड़की के गर्भपात पर अगले सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को करेगी।
14 वर्षीय लड़की ने अपनी दलील में कहा है कि उसके चचेरे भाई ने उसके साथ बलात्कार किया था जिससे वह गर्भवती हो गई थी। उसने सुप्रीम कोर्ट से अपने 26 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति मांगी है।
मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट, 1971 के तहत, कोर्ट की इजाजत के बिना 20 सप्ताह से अधिक के गर्भ को गिराने की अनुमति नहीं है।