सरेआम फायरिंग का वीडियो वायरल होने और पांच लोगों के जख्मी होने के बावजूद हर्ष फायरिंग के मामलों में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कांटी और देवरिया थाना पुलिस एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी कर रही है। फायरिंग करने वाले वारदात में जख्मी लोगों पर दबाव डालकर मामले को दबाने में सफल रहे और खुलेआम घुम रहे हैं। दोनों चर्चित मामलों में पुलिस कह रही है कि किसी ने घटना की लिखित शिकायत नहीं की है। आपराधिक वारदातों में किसी व्यक्ति द्वारा लिखित शिकायत नहीं किए जाने पर पुलिस खुद के बयान पर भी एफआईआर दर्ज करती है, परन्तु कांटी की वारदात में वैज्ञानिक साक्ष्य उपलब्ध होने के बावजूद पुलिस एफआईआर दर्ज करने के प्रति उदासीन रही। एसएसपी जयंतकांत के कड़े रुख पर अब थाना अध्यक्ष एफआईआर दर्ज करने की कवायद में जुटे हैं।
एसएसपी ने शनिवार को फिर कहा है कि एफआईआर दर्ज हो गई है और दोषी कोई हो कार्रवाई होगी। हालांकि पिछले एक महीने से थाना अध्यक्ष कहते रहे कि उन्हें किसी की लिखित शिकायत नहीं मिली है। एसएसपी के कड़े रुख पर शनिवार को थानेदार ने कहा कि आरंभिक जांच में घटना की पुष्टि हुई है और जल्द ही एफआईआर दर्ज की जाएगी।
22 जनवरी को कांटी की मानिकपुर नरोत्तम पंचायत में एक बर्थ डे पार्टी के दौरान नशे में धुत जन प्रतिनिधि द्वारा फायरिंग की गई। उक्त वारदात का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें नशे में धुत जन प्रतनिनिधि एवं भाजपा नेता शराबी फिल्म के गाने पर थिरकते हुए पांच राउंड फायरिंग करते दिख रहे हैं। फायरिंग करने वाले जेल जा चुके हैं और पहले भी आपराधिक वारदात में आरोपित रहे हैं। भीड़ में फायरिंग करते समय जन प्रतिनिधि ने किसी को गोली लगने के खतरे की परवाह नहीं की। वीडियो वायरल होने पर एसएसपी ने कहा कि जांच के बाद फायरिंग करने वाले पर कार्रवाई होगी। एक महीने बाद कार्रवाई के संबंध में पूछे जाने पर कांटी थानाध्यक्ष कुंदन कुमार ने बताया कि किसी ने अब तक थाने में घटना की लिखित शिकायत नहीं की है। थानाध्यक्ष ने कहा कि उन्हें किसी वरीय अधिकारी का दिशा निर्देश भी नहीं मिला है।
देवरिया थाना क्षेत्र के चांदपुरा गांव में गत 20 जून की रात शादी समारोह में फायरिंग की गई। बंदूक का बैरल फटने से फोटोग्राफर चार अन्य बाराती जख्मी हो गए। घायलों में दूल्हे के रिश्तेदार भी शामिल थे। पुलिस को सूचना दी गई तो जवाब मिला कि पहले घायलों का इलाज कराएं। पुलिस मामले की छानबीन करने कभी चांदपुरा गांव नहीं पहुंची। देवरिया थानाध्यक्ष संजय स्वरूप में ने बताया कि कुछ लोगों के मामूली रूप से जख्मी होने की सूचना मिली थी, परन्तु किसी ने थाने में लिखित शिकायत नहीं की।
स्पेशल पीपी विजिलेंस कृष्णदेव साह कहते हैं कि किसी वारदात में पीड़ित पक्ष शिकायत दर्ज कराता है या आम आदमी की सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर बयान दर्ज करती है। अगर किसी वारदात की शिकायत के लिए कोई आगे नहीं आता है तो पुलिस खुद अपने बयान पर केस दर्ज कर अनुसंधान शुरू करती है। अगर पुलिस ऐसा नहीं करेगी तो अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो जाएगी। अगर मुजफ्फरपुर में किसी दूसरे राज्य के आदमी को गोली मारी जाती है तो पुलिस लिखित शिकायत का इंतजार नहीं कर सकती है।