बांग्लादेश की जेल में चार साल से बंद राजेन्द्र रविदास की दो मार्च को वतन वापसी होगी। मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर के प्रयास से राजेन्द्र की वतन वापसी होने जा रही है।
दो मार्च को दर्शना-गेडे बांग्लादेश भारत अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से राजेन्द्र भारत में प्रवेश करेंगे। मौके पर विशाल रंजन दफ्तुआर के साथ पुलिस और उसके परिजन मौजूद रहेंगे। भागलपुर के लोदीपुर थाना क्षेत्र के उस्तु गांव के 30 वर्षीय राजेंद्र रविदास अपने परिवार की तंगहाली की वजह से रोजगार के लिये 2017 में दिल्ली गया था। लेकिन वो दिल्ली से पश्चिम बंगाल चला गया और वहां से बांग्लादेश की सीमा में बंगा पिपरा पुलिस ने उसे पकड़कर मुर्शिदाबाद जेल भेज दिया।
राजेन्द्र मानसिक रोगी भी बताया जाता है। राजेन्द्र अनुसूचित जाति के एक अत्यंत गरीब और भूमिहीन परिवार से है, लिहाजा उसके मामले को हाई प्रोफाइल वाला ट्रीटमेंट नहीं मिल सका था। बांग्लादेश की जेल में भागलपुर का राजेंद्र रविदास पिछले लगभग चार सालों से कैद है।
अक्टूबर में विशाल रंजन दफ्तुआर से लगायी थी गुहार
पीएम, विदेश मंत्री और मुख्यमंत्री से फरियाद लगा चुका यह गरीब परिवार थक हारकर मानवाधिकार कार्यकर्ता विशाल रंजन दफ्तुआर से पिछले वर्ष अक्टूबर में गुहार लगाई थी। विशाल दफ्तुआर ने राजेन्द्र की पत्नी सरिता देवी के इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए इस मामले पर तब त्वरित संज्ञान लिया था।