श्रम अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर (Nodeep Kaur) को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने शुक्रवार को जमानत दे दी। नवदीप कौर वर्तमान में करनाल जेल में बंद हैं। हरियाणा के सोनीपत में एक कंपनी का घेराव करने और उससे पैसे मांगने के आरोप में उन्हें को 12 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।
पंजाब के मुक्तसर जिले की रहने वाली नवदीप कौर ने हाईकोर्ट में दाखिल की गई अपनी नियमित जमानत याचिका में आरोप लगाया था कि पिछले महीने सोनीपत पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद एक थाने में उनसे बुरी तरह मारपीट की गई। 23 वर्षीय नवदीप ने यह भी दावा किया कि कानून का उल्लंघन करते हुए उनकी मेडिकल जांच भी नहीं कराई गई थी।
पुलिस ने मारपीट के आरोपों को बताया था निराधार
हरियाणा पुलिस ने बुधवार को नवदीप कौर द्वारा उनके साथ मारपीट किए जाने के आरोपों को निराधार बताया था और उन पर उद्योगपतियों से धन उगाही के आरोप लगाए हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सौंपी गई स्टेटस रिपोर्ट में हरियाणा पुलिस ने कहा कि कुछ सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स द्वारा झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं कि नवदीप कौर को गलत तरीके से फंसाया गया और मनमाने तरीके से उसे हिरासत में रखा गया। कोर्ट कौर के कथित अवैध हिरासत मामले की सुनवाई कर रही थी। पहले हाईकोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था।
सोनीपत के पुलिस उपाधीक्षक के माध्यम से दाखिल जवाब में हरियाणा पुलिस ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान नवदीप कौर ने कहा कि उसने अपने सहयोगियों शिव कुमार, सुमित, आशीष और साहिल के साथ मजदूर अधिकार संगठन बनाया और ”फैक्ट्री मालिकों से मजदूरों को वेतन दिलाने में वे अपना कमीशन लेते हैं और मालिकों से धन की उगाही भी करते हैं।
पुलिस ने उसके साथ मारपीट के आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि उसे थाने में महिला प्रतीक्षा कक्ष में रखा गया जहां दो महिला पुलिसकर्मी भी मौजूद थीं। थाने से उसे उसी दिन मेडिकल जांच के लिए सोनीपत सिविल अस्पताल ले जाया गया था। पुलिस ने स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि उसकी न केवल सामान्य मेडिकल जांच कराई गई बल्कि महिला डॉक्टर द्वारा विशेष मेडिकल जांच भी कराई गई थी।